अनुच्छेद 370 और कोरोना महामारी के बावजूद घाटी अशांत, इस साल 92 चरमपंथी मारे गए
कश्मीर घाटी के शोपियां में दो दिन तक चले एनकाउंटर में नौ चरमपंथी मारे गए हैं. डीजीपी दिलबाग़ सिंह के मुताबिक दो हफ्तों में नौ बड़े ऑपरेशन हुए जिनमें 22 आतंकी मारे गए. सभी हिज़बुल मुजाहिद्दीन से जुड़े थे.
दिलबाग़ सिंह का अनुमान है कि फिलहाल कश्मीर घाटी में सक्रिय चरमपंथियों की संख्या 150-250 के बीच हो सकती है जबकि जम्मू के इलाक़े में 125-150 आतंकी सक्रिय हो सकते हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद आतंकियों की भर्ती में कमी आई है.
आंकड़े बताते हैं कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद भी घाटी में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ बदस्तूर जारी है. घाटी का दक्षिणी इलाक़ा उस वक़्त भी शांत नहीं रहा जब जम्मू-कश्मीर समेत पूरा देश कोरोना की वजह से लॉकडाउन झेल रहा था. केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 ख़त्म करने का ऐलान 4 अगस्त को किया. उस वक़्त घाटी में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबलों के जवानों की तैनाती थी. इसके बावजूद अगस्त से दिसंबर तक 28 आतंकी, 20 नागरिक मारे गए. इस दौरान चार जवानों की भी मौत हुई. वीडियो देखिए साउथ इंडिया टेररिज़्म पोर्टल के मुताबिक साल 2019 में घाटी में 163 चरमपंथी और 42 नागरिकों की मौत हुई. इस दौरान चलाए गए ऑपरेशन में 78 जवानों की भी जान गई. 2020 में भी कमोबेश हालात पहले जैसे हैं. जनवरी से मई के बीच में 92 आतंकी और 10 नागरिक मारे गए. इनके अलावा सेना और पैरामिलिट्री के 29 जवानों की भी मौत हुई. इस साल सेना और पैरामिलिट्री के जवानों ने हिज़बुल कमांडर रियाज़ नायक़ू और जुनैद सहराई जैसे बड़े चरमपंथियों को मार गिराने में कामयाबी पाई मगर उसे मेजर और कर्नल रैंक के अफ़सरों को भी गंवाना पड़ा. पिछले महीने ही हंदवाड़ा में 18 घंटे तक चली मुठभेड़ में एक मेजर, एक कर्नल और सब इंस्पेक्टर समेत पांच लोगों की जान गई थी.
There is an assessment that the number could be around 150-250 for Kashmir region and 125-150 for Jammu region: Jammu and Kashmir DGP, Dilbag Singh on the number of terrorists at launchpads along the Line of Control (LoC) https://t.co/rYOGycxnBj
— ANI (@ANI) June 8, 2020
आंकड़े बताते हैं कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद भी घाटी में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ बदस्तूर जारी है. घाटी का दक्षिणी इलाक़ा उस वक़्त भी शांत नहीं रहा जब जम्मू-कश्मीर समेत पूरा देश कोरोना की वजह से लॉकडाउन झेल रहा था. केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 ख़त्म करने का ऐलान 4 अगस्त को किया. उस वक़्त घाटी में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबलों के जवानों की तैनाती थी. इसके बावजूद अगस्त से दिसंबर तक 28 आतंकी, 20 नागरिक मारे गए. इस दौरान चार जवानों की भी मौत हुई. वीडियो देखिए साउथ इंडिया टेररिज़्म पोर्टल के मुताबिक साल 2019 में घाटी में 163 चरमपंथी और 42 नागरिकों की मौत हुई. इस दौरान चलाए गए ऑपरेशन में 78 जवानों की भी जान गई. 2020 में भी कमोबेश हालात पहले जैसे हैं. जनवरी से मई के बीच में 92 आतंकी और 10 नागरिक मारे गए. इनके अलावा सेना और पैरामिलिट्री के 29 जवानों की भी मौत हुई. इस साल सेना और पैरामिलिट्री के जवानों ने हिज़बुल कमांडर रियाज़ नायक़ू और जुनैद सहराई जैसे बड़े चरमपंथियों को मार गिराने में कामयाबी पाई मगर उसे मेजर और कर्नल रैंक के अफ़सरों को भी गंवाना पड़ा. पिछले महीने ही हंदवाड़ा में 18 घंटे तक चली मुठभेड़ में एक मेजर, एक कर्नल और सब इंस्पेक्टर समेत पांच लोगों की जान गई थी.
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