कोरोना संकट के चलते दुनिया पहले जैसी नहीं रहेगी - रघुराम राजन

by Rahul Gautam 4 years ago Views 9634

The world will not be the same due to Corona crisi
कोरोनावायरस की वजह से पूरी दुनिया पर मंदी के बादल मंडरा रहे हैं जिसे लेकर अर्थशास्त्री बेहद चिंतित हैं. अब आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने आशंका ज़ाहिर की है कि लॉकडाउन की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है और देश में 20 करोड़ लोग भयंकर गरीबी की चपेट में आ सकते हैं.

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के एक वेबिनार में शामिल हुए रघुराम राजन ने कहा कि इस बात की बहुत आशंका है कि महामारी के कमज़ोर होते ही चीन को दुनिया के गुस्से और आर्थिक बहिष्कार का सामना करना पड़ सकता है. ऐसी स्तिथि में जिन भारतीयों कंपनियों की सप्लाई चेन में चीनी वेंडर आते हैं, उन्हें आने वाले समय के लिए पूरी तरह तैयार रहना चाहिए. राजन ने कहा कि अगर चीन से दूसरे देश अपना पैसा और कॉन्ट्रैक्ट निकालते हैं, तो भारत को तैयार रहना चाहिए ताकि वो अंतर्राष्ट्रीय मंच पर मैन्युफैक्चरिंग हब बनकर उभर सके.


अमेरिका और यूरोपीय देशों में इस महामारी से काफी नुकसान हुआ है, जबकि भारत में इसका असर काफी सीमित है, ऐसे में निवेशकों का पैसा भारत की ओर मुड़ सकता है, बशर्ते सरकार और बिज़नेस कम्युनिटी इसके लिए तैयार रहे.

तेल की धराशायी हुई कीमतों पर रघुराम ने कहा कि भारत को इस समय अधिक से अधिक तेल खरीदना चाहिए क्यूंकि ऐसा मौका फिर नहीं मिलने वाला.

दुनिया के आर्थिक भविष्य पर रघुराम राजन ने कहा कि कोरोना काल के बाद दुनिया पहले जैसी नहीं रहेगी, और वही कारोबार बचेंगे जो अपने आप को नए माहौल में ठीक तरह ढाल लेंगे. उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में इस वायरस के वापिस लौटने की काफी आशंका है, और ऐसे में दोबारा से लॉकडाउन जैसे हालात पैदा हो सकते हैं. ऐसे में समझदार कारोबारी इस बात को ध्यान में रखकर ही भविष्य की ओर बढ़ेंगे.

उन्होंने कहा कि अब से लोगों के लिए स्वास्थ सबसे बड़ी प्राथमिकता बन जायेगा जोकि पहले तीसरे और चौथे नंबर पर आता था. लोग स्वास्थ पर पहले से ज्यादा पैसे खर्च करेंगे और बाकि चीज़ों पर कम. डिजिटल इकॉनमी जैसे होम एडुकेशन, होम एंटरटेनमेंट और फिटनेस में बूम आएगा. लोग ब्रांड का मोह छोड़ सस्ती चीज़े खरीदेंगे.

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उन्होंने कहा कि निवेश के तौर पर सोना खरीदना लोग ज्यादा पसंद कर सकते हैं। शादी और अन्य समारोह से जुड़े लोग को समस्या का सामना करना पड़ेगा क्यूंकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए इसपर लोग कम ही खर्च करेंगे. टूरिज़्म और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोग भी इससे प्रभावित होंगे।

पूर्व RBI गवर्नर ने ये भी कहा कि बड़ी कंपनियां इस महामारी जैसी रुकावटों को झेलने में ज्यादा सक्षम में है, क्यूंकि उनके हाथ में काफी पैसा है लेकिन यही हालात मध्यम और घरेलु धंधों के लिए नहीं है। इसलिए निचले स्तर पर इसका ज्यादा असर दिख रहा है.

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