कोरोना वायरस के चलते दुनिया का आर्थिक चक्का हुआ धीमा
114 देशों में फ़ैल चुके कोरोना वायरस से दुनिया का आर्थिक चक्का जड़ होने लगा है। दुनिया के तमाम बड़े स्टॉक बाजार लगातार नीचे जा रहे हैं और निवेशकों के लाखों करोड़ रोज़ाना स्वाहा हो रहे हैं। संकट इतना गहरा है कि आर्थिक गतिविधियों के कमज़ोर होने से कच्चे तेल की कीमतें 20 साल के निचले स्तर पर चली गयी है।
कोरोना वायरस के ख़ौफ़ से दुनियाभर के निवेशकों में तनाव का माहौल है. सुरक्षित निवेश की तरफ भाग रहे निवशेकों के चलते भारत समेत वैश्विक बाज़ार में बुधवार को कोहराम मच गया. कारोबार के दौरान सेंसेक्स 3,200 अंक तक लुढ़क गया था लेकिन फिर मामूली सुधार के बाद 2,900 अंक गिरकर बंद हो गया. इसी तरह निफ्टी में 868 अंकों की गिरावट दर्ज की गई.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के यूरोपीय यात्रा पर प्रतिबंध के ऐलान से अमेरिकी शेयर बाज़ार में भी हंगामा मच गया. इसके चलते न्यूयॉर्क का डाउ जोन्स 5.86 फीसदी तक टूट गया जबकि टोक्यो का निक्की इंडेक्स 4.4 फ़ीसदी तक सिकुड़ गया. शेयर बाज़ार के मौजूदा हाल ने 2008 में आई वैश्विक मंदी की यादें ताज़ा कर दी हैं जब निवेशकों के लाखों करोड़ रुपए डूब गए. सेंसेक्स मंगलवार को भी 5.4 फीसदी तक टूटा था और तब निवेशकों के 7 लाख करोड़ से ज्यादा रुपए स्वाहा हो गए थे. देश के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी आरआईएल का शेयर 2020 में 30 फ़ीसदी तक लुढ़क चुका है. कोरोना वायरस की मार के चलते शेयर बाज़ार के साथ-साथ अन्य आर्थिक गतिविधियां भी कमज़ोर हो रही हैं. मॉल्स, बाज़ार, कारखाने और यहाँ तक कि शहर के शहर बंद कर दिए गए हैं. तमाम देशों ने विदेशी यात्रियों का वीज़ा रद्द करते हुए उनकी आवाजाही रोक दी है. इसके चलते उड्डयन बाज़ार, टूर एंड ट्रैवेल्स, होटल्स और रेस्तरां वालों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इन सबके अलावा कच्चे तेल की कीमतें अपने 20 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक इससे होने वाले नुकसान का अभी अंदाज़ा लगा पाना मुश्किल है लेकिन अकेले चीन को 100 अरब डॉलर के नुकसान की आशंका है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के यूरोपीय यात्रा पर प्रतिबंध के ऐलान से अमेरिकी शेयर बाज़ार में भी हंगामा मच गया. इसके चलते न्यूयॉर्क का डाउ जोन्स 5.86 फीसदी तक टूट गया जबकि टोक्यो का निक्की इंडेक्स 4.4 फ़ीसदी तक सिकुड़ गया. शेयर बाज़ार के मौजूदा हाल ने 2008 में आई वैश्विक मंदी की यादें ताज़ा कर दी हैं जब निवेशकों के लाखों करोड़ रुपए डूब गए. सेंसेक्स मंगलवार को भी 5.4 फीसदी तक टूटा था और तब निवेशकों के 7 लाख करोड़ से ज्यादा रुपए स्वाहा हो गए थे. देश के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी आरआईएल का शेयर 2020 में 30 फ़ीसदी तक लुढ़क चुका है. कोरोना वायरस की मार के चलते शेयर बाज़ार के साथ-साथ अन्य आर्थिक गतिविधियां भी कमज़ोर हो रही हैं. मॉल्स, बाज़ार, कारखाने और यहाँ तक कि शहर के शहर बंद कर दिए गए हैं. तमाम देशों ने विदेशी यात्रियों का वीज़ा रद्द करते हुए उनकी आवाजाही रोक दी है. इसके चलते उड्डयन बाज़ार, टूर एंड ट्रैवेल्स, होटल्स और रेस्तरां वालों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इन सबके अलावा कच्चे तेल की कीमतें अपने 20 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक इससे होने वाले नुकसान का अभी अंदाज़ा लगा पाना मुश्किल है लेकिन अकेले चीन को 100 अरब डॉलर के नुकसान की आशंका है।
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