स्वर्ण मंदिर में लंगर चलाने में दिक़्क़त ना हो, 330 क्विंटल गेहूं लेकर पहुंचे मुसलमान

by Shahnawaz Malik 3 years ago Views 11056

There should be no difficulty in running the langa
पंजाब में सिखों और मुसलमानों के बीच आपसी भाईचारा अटूट है जहां सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल अक्सर देखने को मिलती है. अब स्वर्ण मंदिर में चल रहे लंगर में अनाज की क़िल्लत होने पर मालेरकोटला के मुसलमान 330 क्विंटल गेंहू ट्रकों में लेकर पहुंच गए. स्वर्ण मंदिर में इन मुसलमानों का सिखों ने शानदार तरीक़े से स्वागत किया है.

मालेरकोटला पंजाब का एकमात्र मुस्लिम बहुल कस्बा है जिनके रिश्ते सिखों के साथ बेहद मज़बूत हैं. 1947 में बंटवारे के वक़्त जब पंजाब जल उठा था, तब उसकी आंच मालेरकोटला तक नहीं पहुंची थी. यहीं से सिख मुस्लिम सांझा संगठन के अध्यक्ष डॉक्टर नसीर अख़्तर कहते हैं, स्वर्ण मंदिर में चलने वाले लंगर में हर दिन एक लाख लोग खाना खाते हैं. हम लोगों को पता चला था कि लंगर चलाने में अनाज की कमी पड़ गई है तो यहां अनाज लेकर पहुंचे हैं. डॉक्टर नसीर अख़्तर ने कहा कि एक लाख लोगों को खाना खिलाने वाले लंगर के लिए 330 क्विंटल गेहूं बेहद कम है. लंगर चलाने में किसी तरह की दिक्कत ना आए, इसके लिए और अनाज जुटाने की तैयारी चल रही है.


संगठन से जुड़े मोहम्मद परवेज़ के मुताबिक मालेरकोटला के मुसलमानों ने दिल खोलकर गेहूं दान किया और 22 दिनों में 330 क्विंटल गेहूं जमा हो गया. लोगों ने डेढ़ लाख रुपए भी दान में दिए थे जिससे गेहूं ख़रीद लिया गया. गेहूं के ट्रकों के दुबई में रहने वाले कारोबारी सुरिंदर पाल सिंह ओबरॉय और तख़्त पटना साहिब के जत्थेदार रंजीत सिंह ने रवाना किया.

मुसलमान जब गेहूं के ट्रक लेकर पहुंचे तो सिखों ने उनका स्वागत किया और लंगर भी खिलाया. आख़िर में विदाई के वक़्त सभी को स्वर्ण मंदिर का चिन्ह भी तोहफ़े के तौर पर दिया गया.

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