हिंसाग्रस्त लोहरदगा में हालात क़ाबू में लेकिन स्कूल, कॉलेज बंद
नागरिकता क़ानून के समर्थन में जुलूस निकालने के दौरान झारखंड का लोहरदगा सांप्रदायिक हिंसा की चपेट में आ गया. यहां कई घरों, दुकानों और गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया. हालात बिगड़ने पर लोहरदगा में धारा 144 लगा दिया गया है और स्कूल कॉलेज अगले दो दिनों के लिए बंद कर दिए गए हैं.
सांप्रदायिक हिंसा के बाद झारखंड के लोहरदागा ज़िला कर्फ्यूग्रस्त है लेकिन हालात अब क़ाबू में हैं. हिंसाग्रस्त इलाक़े में स्कूल कॉलेज दो दिन के लिए बंद कर दिए गए हैं. अर्धसैनिक बलों के जवान और लोहरदागा पुलिस हिंसाग्रस्त इलाक़ों में फ्लैगमार्च कर रही है. क़ानून व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए आला अफ़सर ज़िले में कैंप किए हुए हैं.
गुरुवार को लोहरदागा में उस वक़्त हिंसा भड़क उठी जब भगवा संगठन विश्व हिंदू परिषद की अगुवाई में नागरिकता क़ानून के समर्थन में रैली निकाली जा रही थी. प्रदर्शनकारी जब अपना जुलूस लेकर अल्पसंख्यक समुदाय के मुहल्ले में पहुंचे तो हालात बिगड़ने लगे. देखते ही देखते यहां माहौल झड़प, पत्थरबाज़ी, लूटपाट और आगज़नी में बदल गया. भीड़ ने यहां दो घरों, एक दर्जन दुकानों, तीन ट्रकों और 40 मोटरसाइकिलों को आग के हवाले कर दिया. हिंसा के दौरान कम से कम 50 लोग ज़ख़्मी हुए हैं जिनमें पुलिस के जवान भी शामिल हैं. 28 लोगों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भगवा संगठन विश्व हिंदू परिषद ने नागरिकता क़ानून के समर्थन में जुलूस निकालने के लिए इजाज़त ली थी. इस जुलूस में बीजेपी के स्थानीय नेता और महिलाएं भी शामिल थीं. वीडियो देखिये लोहरदागा झारखंड की राजधानी रांची से 70 किलोमीटर दूर उत्तर की दिशा में है. इस ज़िले के मुख्य कस्बे की आबादी तक़रीबन 80 हज़ार है और विधानसभा सीट आदिवासी समुदाय के लिए आरक्षित है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और लोहरदागा से विधायक रामेश्वर ओरांव ने आरोप लगाया है कि यह सब बीजेपी की ग़लत नीतियों के चलते हो रहा है. क़ानून पास होने के बाद जुलूस निकालने से माहौल और बिगड़ रहा है. उन्होंने पूछा कि जब क़ानून अमल में आ चुका है तो फिर इसके समर्थन में जुलूस निकालने की ज़रूरत ही क्या है.
गुरुवार को लोहरदागा में उस वक़्त हिंसा भड़क उठी जब भगवा संगठन विश्व हिंदू परिषद की अगुवाई में नागरिकता क़ानून के समर्थन में रैली निकाली जा रही थी. प्रदर्शनकारी जब अपना जुलूस लेकर अल्पसंख्यक समुदाय के मुहल्ले में पहुंचे तो हालात बिगड़ने लगे. देखते ही देखते यहां माहौल झड़प, पत्थरबाज़ी, लूटपाट और आगज़नी में बदल गया. भीड़ ने यहां दो घरों, एक दर्जन दुकानों, तीन ट्रकों और 40 मोटरसाइकिलों को आग के हवाले कर दिया. हिंसा के दौरान कम से कम 50 लोग ज़ख़्मी हुए हैं जिनमें पुलिस के जवान भी शामिल हैं. 28 लोगों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भगवा संगठन विश्व हिंदू परिषद ने नागरिकता क़ानून के समर्थन में जुलूस निकालने के लिए इजाज़त ली थी. इस जुलूस में बीजेपी के स्थानीय नेता और महिलाएं भी शामिल थीं. वीडियो देखिये लोहरदागा झारखंड की राजधानी रांची से 70 किलोमीटर दूर उत्तर की दिशा में है. इस ज़िले के मुख्य कस्बे की आबादी तक़रीबन 80 हज़ार है और विधानसभा सीट आदिवासी समुदाय के लिए आरक्षित है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और लोहरदागा से विधायक रामेश्वर ओरांव ने आरोप लगाया है कि यह सब बीजेपी की ग़लत नीतियों के चलते हो रहा है. क़ानून पास होने के बाद जुलूस निकालने से माहौल और बिगड़ रहा है. उन्होंने पूछा कि जब क़ानून अमल में आ चुका है तो फिर इसके समर्थन में जुलूस निकालने की ज़रूरत ही क्या है.
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