आर्थिक तंगी से परेशान सूरत में चार और वैशाली में एक दिहाड़ी मज़दूर ने ख़ुदकुशी की
कोरोनाकाल में आर्थिक तंगी से जूझ रहे मज़दूर अब ख़ुदकुशी के लिए मजबूर हो रहे हैं. बीते हफ्ते गुजरात के सिर्फ सूरत शहर में चार लोगों ने फांसी लगा ली जबकि मंगलवार की रात एक मज़दूर ने बिहार के वैशाली ज़िले में जान दे दी. वैशाली में जान देने वाला मज़दूर दो दिन पहले दिल्ली से लौटा था. उसे सरकारी स्कूल में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया था मगर मंगलवार की रात उसने फांसी लगा ली. इस हादसे से वैशाली ज़िले के अफ़सरों के इंतज़ाम पर सवाल खड़े हो गए हैं.
गुजरात के सूरत शहर में लाखों प्रवासी मज़दूर रहते हैं. तक़रीबन दो महीने से प्रवासी मज़दूर अपने घर जाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. अब यहां ख़दकुशी का दौर शुरू हो गया है. बीते हफ्ते यहां चार लोगों ने ख़ुदकुशी की.
पहला मामला 24 साल के एक प्रवासी मज़दूर सुधीर सिंह का है जो उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले का रहने वाला था. सुधीर 19 मई को श्रमिक ट्रेन से यूपी लौटने वाला था लेकिन इससे पहले ही उसने फांसी लगा ली. सुधीर तीन साल से सूरत की एक डाइंग और प्रिंटिंग मिल में काम कर रहा था.
दूसरा मामला 20 साल के सुनील महेली का है जो असम का रहने वाला था. सूरत पुलिस के मुताबिक सुनील असम के मज़दूरों के साथ रहता था लेकिन उसके ज़्यादातर साथी अपने घर लौट गए थे. सुनील की नौकरी चली गई थी और उसने ख़ुदकुशी कर ली.
तीसरा मामला 55 साल के रोहितास लिंगायत से जुड़ा है जो एक ऑटो गैरेज में काम करता था. दो महीने से उसके पास कोई काम नहीं था और उसने फांसी लगाकर जान दे दी.
इसी शहर में ख़ुदकुशी का चौथा मामला सुभाष प्रजापति से जुड़ा है. 60 साल के सुभाष सूरत के ही रहने वाले थे. वो एक कंस्ट्रक्शन साइट पर काम कर रहे थे लेकिन दो महीने से उनका काम बंद था. उन्होंने भी फांसी लगाकर ख़ुदकुशी की.
पहला मामला 24 साल के एक प्रवासी मज़दूर सुधीर सिंह का है जो उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले का रहने वाला था. सुधीर 19 मई को श्रमिक ट्रेन से यूपी लौटने वाला था लेकिन इससे पहले ही उसने फांसी लगा ली. सुधीर तीन साल से सूरत की एक डाइंग और प्रिंटिंग मिल में काम कर रहा था.
दूसरा मामला 20 साल के सुनील महेली का है जो असम का रहने वाला था. सूरत पुलिस के मुताबिक सुनील असम के मज़दूरों के साथ रहता था लेकिन उसके ज़्यादातर साथी अपने घर लौट गए थे. सुनील की नौकरी चली गई थी और उसने ख़ुदकुशी कर ली.
Migrant labourer from Assam, who had lost his job due to #COVID19 lockdown, allegedly commits suicide at slum in Surat city of Gujarat: Police
— Press Trust of India (@PTI_News) May 20, 2020
तीसरा मामला 55 साल के रोहितास लिंगायत से जुड़ा है जो एक ऑटो गैरेज में काम करता था. दो महीने से उसके पास कोई काम नहीं था और उसने फांसी लगाकर जान दे दी.
इसी शहर में ख़ुदकुशी का चौथा मामला सुभाष प्रजापति से जुड़ा है. 60 साल के सुभाष सूरत के ही रहने वाले थे. वो एक कंस्ट्रक्शन साइट पर काम कर रहे थे लेकिन दो महीने से उनका काम बंद था. उन्होंने भी फांसी लगाकर ख़ुदकुशी की.
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