अमेरिका में बसने वालों पर ट्रंप ने रोक लगाई, भारतीयों के लिए कितना बड़ा झटका?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अप्रवासियों को अमेरिका में बसने से रोकने वाले आदेश पर दस्तख़त कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि यह रोक अस्थायी तौर पर 60 दिनों के लिए लगाई गई है लेकिन इसे बढ़ाया जा सकता है. डोनाल्ड ट्रंप के मुताबिक कोरोना संकट में अमेरिकी नागरिकों की नौकरियों की रक्षा के लिए यह क़दम उठाया गया है. यह आदेश अमेरिका में पढ़ाई, नौकरी करने और ग्रीन कार्ड पाने की उम्मीद रखने वाले लाखों लोगों के लिए बड़ा झटका है. इनमें बड़ी संख्या भारतीयों की होती है.
अमेरिका में स्थायी तौर पर बसने के लिए ग्रीन कार्ड हासिल करना होता है जिसके बाद अमेरिका की नागरिकता पाने का रास्ता खुल जाता है. आमतौर पर हर साल अमेरिका 10 लाख लोगों को ग्रीन कार्ड जारी करता है. अमेरिकी सिनेट की 2018 की एक रिपोर्ट के मुताबिक इनमें 70 फ़ीसदी ऐसे लोग होते हैं जिनके रिश्तेदार पहले से अमेरिका में रह रहे हैं. इस आदेश से सबसे तगड़ा झटका उन ग्रीन कार्ड धारकों को लगा है जो अपने परिवारों को स्थायी तौर पर अमेरिका में बसाना चाहते हैं. अमेरिका हर साल डाइवर्सिटी वीज़ा लॉटरी सिस्टम के तहत हर साल 50 हज़ार ग्रीन गार्ड देता है लेकिन इसे भी बंद कर दिया गया है. हालांकि उन डॉक्टर, नर्स और हेल्थ वर्कर्स को इस आदेश के बाहर रखा गया है जो अमेरिका में नौकरी तलाश रहे हैं और वहां जाकर अपनी सेवाएं देना चाहते हैं.
इसका असर क्या होगा? कोरोनावायरस की महामारी के चलते सभी अमेरिकी कॉन्सुलेट्स बंद हैं और हर तरह के वीज़ा आवेदन की प्रक्रिया रुक गई है. इसमें एच1बी वीज़ा भी शामिल है जिसके तहत ज़्यादातर भारतीय आवेदन करते हैं. कोरोना महामारी के चलते अमेरिका में 2 करोड़ लोगों की नौकरिया जा चुकी है. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि इस फैसले से अमेरिकी नागरिकों की नौकरियों की रक्षा हो सकेगी और ऐसा करना सरकार की ड्यूटी है. वीडियो देखिए हालांकि डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले को राजनीतिक चश्मे से भी देखा जा रहा है. अमेरिका में इसी साल नवंबर में राष्ट्रपति पद का चुनाव होना है और ट्रंप इसे चुनावी मुद्दा बनाना चाहते हैं. वो अमेरिका में अप्रवासियों को बसाने के धुर विरोधी हैं और पिछले चुनाव में इसपर रोक लगाने को लेकर उन्होंने तमाम वायदे भी किए थे. ट्रंप के आलोचक यह भी कह रहे हैं कि इस फैसले से डोनाल्ड ट्रंप कोरोना संकट से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं. अमेरिका में अब तक 46 हज़ार से ज़्यादा मौतें हो चुकी हैं जबकि लगभग 8 लाख 50 हज़ार लोग संक्रमित हो चुके हैं.
इसका असर क्या होगा? कोरोनावायरस की महामारी के चलते सभी अमेरिकी कॉन्सुलेट्स बंद हैं और हर तरह के वीज़ा आवेदन की प्रक्रिया रुक गई है. इसमें एच1बी वीज़ा भी शामिल है जिसके तहत ज़्यादातर भारतीय आवेदन करते हैं. कोरोना महामारी के चलते अमेरिका में 2 करोड़ लोगों की नौकरिया जा चुकी है. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि इस फैसले से अमेरिकी नागरिकों की नौकरियों की रक्षा हो सकेगी और ऐसा करना सरकार की ड्यूटी है. वीडियो देखिए हालांकि डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले को राजनीतिक चश्मे से भी देखा जा रहा है. अमेरिका में इसी साल नवंबर में राष्ट्रपति पद का चुनाव होना है और ट्रंप इसे चुनावी मुद्दा बनाना चाहते हैं. वो अमेरिका में अप्रवासियों को बसाने के धुर विरोधी हैं और पिछले चुनाव में इसपर रोक लगाने को लेकर उन्होंने तमाम वायदे भी किए थे. ट्रंप के आलोचक यह भी कह रहे हैं कि इस फैसले से डोनाल्ड ट्रंप कोरोना संकट से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं. अमेरिका में अब तक 46 हज़ार से ज़्यादा मौतें हो चुकी हैं जबकि लगभग 8 लाख 50 हज़ार लोग संक्रमित हो चुके हैं.
Latest Videos