तुर्की ने पाक संसद में कश्मीर का मुद्दा उठाया, भारत नाराज़
पिछले साल संयुक्त राष्ट्र की महासभा में कश्मीर का मुद्दा उठाने के बाद तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने इसे पाकिस्तान की संसद में उठाया है. पाकिस्तान की संसद के संयुक्त संत्र को संबोधित करते हुए अर्दोआन ने कहा कि वो कश्मीर को नहीं भूल सकते. भारत ने इसपर कड़ी आपत्ति ज़ाहिर करते हुए कहा कि तुर्की भारत के आंतरिक मामलों में दख़लअंदाज़ी न करे.
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने पाकिस्तान की संसद में कश्मीर का मुद्दा उठाया. उन्होंने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को समर्थन का ऐलान देते हुए कहा कि कश्मीर जितना पाकिस्तान के लिए अहम है, उतना ही तुर्की के लिए भी है. उन्होंने कहा, ‘कश्मीर का मुद्दा जंग से नहीं, इंसाफ़ और निष्पक्षता से सुलझाया जा सकता है. तुर्की इंसाफ़, अमन और बातचीत के ज़रिए इस विवाद को सुलझाने का समर्थन करता रहेगा.’
राष्ट्रपति अर्दोआन अब तक पाकिस्तानी संसद को चार बार संबोधित कर चुके हैं. गुरुवार को अर्दोआन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान, नेशनल असेंबली के स्पीकर असद क़ैसर और सीनेट के चेयरमैन सादिक़ संजारनी के साथ संसद पहुंचे. जब उन्होंने पाक संसद में कश्मीर का मुद्दा उठाया तो पाकिस्तानी सांसद देर तक मेज़ थपथपाकर तालियां बजाते रहे. अर्दोआन ने कहा कि वो कश्मीरियों को नहीं भूल सकते हैं. इससे पहले रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने पिछले साल सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी कश्मीर का मुद्दा उठाया था. तुर्की के इस रुख़ पर भारत ने कड़ी आपत्ति ज़ाहिर की है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘हम कहना चाहते हैं कि तुर्की भारत के आंतरिक मामलों में दख़लअंदाज़ी न करे और सभी तथ्यों की पड़ताल करे. इनमें पाकिस्तान से भारत होने वाला आतंकवाद भी शामिल है.’ तुर्की और पाकिस्तान के बीच रिश्ता दशकों पुराना है लेकिन हाल के वर्षों में यह और मज़बूत हुआ है. 2016 में जब तुर्की की सेना ने अर्दोआन के ख़िलाफ़ तख़्तापलट की नाकाम कोशिश की थी, तब पाकिस्तान ने अर्दोआन का समर्थन किया था और इमरान ख़ान ने उन्हें नायक क़रार दिया था. इसी तरह जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद इस्लामाबाद ने अंकारा फोन घुमाया तो राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने पाकिस्तान के रुख़ का समर्थन किया था. वीडियो देखिये इस दौरे पर अर्दोआन ने यह वादा भी किया कि वो पाकिस्तान को एंटी टेरर फाइनेंशियल वॉच डॉग फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने में मदद करेंगे.
राष्ट्रपति अर्दोआन अब तक पाकिस्तानी संसद को चार बार संबोधित कर चुके हैं. गुरुवार को अर्दोआन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान, नेशनल असेंबली के स्पीकर असद क़ैसर और सीनेट के चेयरमैन सादिक़ संजारनी के साथ संसद पहुंचे. जब उन्होंने पाक संसद में कश्मीर का मुद्दा उठाया तो पाकिस्तानी सांसद देर तक मेज़ थपथपाकर तालियां बजाते रहे. अर्दोआन ने कहा कि वो कश्मीरियों को नहीं भूल सकते हैं. इससे पहले रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने पिछले साल सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी कश्मीर का मुद्दा उठाया था. तुर्की के इस रुख़ पर भारत ने कड़ी आपत्ति ज़ाहिर की है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘हम कहना चाहते हैं कि तुर्की भारत के आंतरिक मामलों में दख़लअंदाज़ी न करे और सभी तथ्यों की पड़ताल करे. इनमें पाकिस्तान से भारत होने वाला आतंकवाद भी शामिल है.’ तुर्की और पाकिस्तान के बीच रिश्ता दशकों पुराना है लेकिन हाल के वर्षों में यह और मज़बूत हुआ है. 2016 में जब तुर्की की सेना ने अर्दोआन के ख़िलाफ़ तख़्तापलट की नाकाम कोशिश की थी, तब पाकिस्तान ने अर्दोआन का समर्थन किया था और इमरान ख़ान ने उन्हें नायक क़रार दिया था. इसी तरह जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद इस्लामाबाद ने अंकारा फोन घुमाया तो राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने पाकिस्तान के रुख़ का समर्थन किया था. वीडियो देखिये इस दौरे पर अर्दोआन ने यह वादा भी किया कि वो पाकिस्तान को एंटी टेरर फाइनेंशियल वॉच डॉग फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने में मदद करेंगे.
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