देखें, ग्वालियर में मां के पास जाने के लिए दिल्ली से पैदल निकले दो दिहाड़ी मज़दूर

by Shahnawaz Malik 4 years ago Views 5576

Two daily wage workers from Delhi to walk to mothe
24 मार्च की रात देशव्यापी बंदी के ऐलान की मार दिहाड़ी मज़दूरों पर सबसे ज़्यादा पड़ रही है. दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद समेत तमाम शहरों में रहने वाले दिहाड़ी मज़दूर अब पैदल अपने घरों के लिए निकल रहे हैं. इंदर सिंह राजधानी दिल्ली के टैंक रोड पर कपड़ों का थोक बाज़ार में दिहाड़ी मज़दूर हैं. लॉकडाउन होने से पूरा बाज़ार बंद हो गया और उनकी दिहाड़ी भी रुक गई. इंदर तीन हज़ार रुपए प्रति माह किराए के मकान में रहते थे लेकिन मकान मालिक ने उन्हें घर से निकाल दिया. इंदर के मुताबिक उन्होंने मकानमालिक से कहा कि जब दिहाड़ी बंद हो गई तो किराया कहां से दें. 

इंदर के मुताबिक उनकी मां ग्वालियर में अकेली हैं और उनका जाना ज़रूरी है. वो अब अपने भाई के साथ दिल्ली से ग्वालियर पैदल ही निकल चुके हैं. दिल्ली से ग्वालियर की दूरी 363 किलोमीटर है. इंदर ने बताया कि भूख मिटाने के लिए उनके और उनके भाई के पास पांच-पांच सौ की दो नोट हैं. रास्ते में ख़र्च के लिए यही पैसा है. उनके एक हाथ में सोने का बिस्तर और कंबल भी है. 


लॉकडाउन के चलते सड़क पर आ गए इंदर कहते हैं कि दिल्ली में जान निकलने से बेहतर है कि चलते-चलते निकल जाए. इंदर के कुछ साथी दिल्ली के आश्रम इलाक़े में हैं. उन्होंने बताया कि चार पांच लोग साथ रहेंगे तो सफर थोड़ा आसान हो जाएगा. इसी तरह गुजरात के साबरकांठा ज़िले में कई मज़दूर परिवार सड़क पर देखे गए. पूछने पर पता चला कि सभी मज़दूर अहमदाबाद में काम करते हैं और काम बंद होने के चलते वापस राजस्थान जा रहे हैं.

वीडियो देखिए

दिल्ली के आनंद विहार बस अड्डे के पास जमा मज़दूरों को पुलिस के जवानों ने लाठी मारकर भगा दिया और यहां से भी मज़दूर अपने घरों के लिए पैदल ही निकल गए हैं. सैकड़ों मज़दूर मेरठ, हापुड़ की तरफ जाते हुए देखे गए. इसी तरह पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के मज़दूर इधर उधर भटक रहे हैं. सड़कों पर पुलिस उन्हें भगा रही है और राज्य सरकारें उनकी सकुशल वापसी का कोई इंतज़ाम नहीं कर रही हैं. पीएम मोदी ने भी देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान दिहाड़ी मज़दूरों की सहूलियत के लिए किसी तरह का ऐलान नहीं किया. 

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