भारत में दो लाख रिफ्यूजी, 12 हज़ार से कम मांग रहे है शरण: UN
भारत में पड़ोसी देशों के धार्मिक अल्पसंख्यकों को बसाने पर बवाल मचा हुआ है लेकिन संयुक्त राष्ट्र के आंकड़े बताते हैं कि भारत में शरणार्थियों की समस्या ज़्यादा गंभीर नहीं है. आंकड़ों के मुताबिक 12 हज़ार से भी कम लोग भारत में शरण की मांग कर रहे है।
संयुक्त राष्ट्र के नए आंकड़ों के मुताबिक भारत में 2018 तक 2 लाख 7 हज़ार 891 रिफ्यूजी थे और लगभग 12 हज़ार लोग शरण की मांग कर रहे थे। वहीं पाकिस्तान में शरणार्थियों की तादाद 15 लाख और अफ़ग़ानिस्तान में 26 लाख से ज्यादा है।
भारत सरकार ने कहा है कि लोगों को शरण देनी की देश में एक परंपरा रही है और पाकिस्तान को आंतरिक मामलों में दखल नहीं देना चाहिए.
हालांकि नागरिकता क़ानून को लेकर मौजूदा सरकार की जमकर आलोचना हो रही है. संयुक्त राष्ट्र ने भी नागरिकता क़ानून को भेदभाव वाला बताया है और इसके खिलाफ हो रहे हिंसक प्रदर्शनों, और उन्हें रोकने के लिए पुलिस बल के बेतहाशा इस्तेमाल पर चिंता जताई है. ज़ाहिर है, विवादित नागरिकता कानून से भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को पिछले कुछ दिनों में धक्का लगा है।
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