मध्यप्रदेश: कमलनाथ सरकार में बेरोजगारी दर में सुधार, 7 फीसदी से 4.2 फीसदी पर पहुंचा
मध्यप्रदेश की कमान संभालने के बाद से चीफ मिनिस्टर कमलनाथ राज्य की कायापलट करने में जुटे हुए हैं. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी के मुताबिक मध्यप्रदेश में बेरोज़गारी दर सितंबर 2019 में 4.2 रिकॉर्ड की गई जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह दर 8.1 फ़ीसदी यानी लगभग दोगुनी है. सीएमआईई के नए आंकड़े बताते हैं कि कमलनाथ सरकार ने अपने 10 महीने के कार्यकाल में रोज़गार के नए विकल्प तैयार किए हैं.
सीएमआईई के मुताबिक मध्यप्रदेश में दिसबंर 2018 में बेरोज़गारी दर 7 फ़ीसदी थी जो सितंबर 2019 में घटकर 4.2 फ़ीसदी रह गई. यानी महज़ नौ महीने में मध्यप्रदेश में बेरोज़गारी दर में 40 फ़ीसदी की कमी आई है. वहीं राष्ट्रीय स्तर पर बेरोज़गारी की दर में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है. अक्टूबर महीने में बेरोज़गारी की राष्ट्रीय दर 8.1 फ़ीसदी के स्तर पर पहुंच गई.
17 से 19 अक्टूबर तक इंदौर में चले मैग्निफिशेंट मध्यप्रदेश समिट में ऐलान हुआ है कि कमलनाथ सरकार के 10 महीने के कार्यकाल में एक लाख करोड़ रुपए से ज़्यादा के औद्योगिक निवेश की गारंटी मिली है. 31,500 करोड़ रुपए के निवेश वाली औद्योगिक इकाइयों को लगाने का काम जनवरी में ही शुरू हो गया है जबकि 74 हज़ार करोड़ रुपए से ज़्यादा की अन्य परियोजनाओं में निवेश मार्च 2020 में संभावित है. वीडियो देखिये इस प्रस्तावित निवेश से तक़रीबन 2.10 लाख लोगों को रोज़गार मिलने की उम्मीद है और सीएम कमलनाथ ने ऐलान किया है कि इनमें 70 फ़ीसदी रोज़गार स्थानीय नौजवानों को देना ज़रूरी होगा.
17 से 19 अक्टूबर तक इंदौर में चले मैग्निफिशेंट मध्यप्रदेश समिट में ऐलान हुआ है कि कमलनाथ सरकार के 10 महीने के कार्यकाल में एक लाख करोड़ रुपए से ज़्यादा के औद्योगिक निवेश की गारंटी मिली है. 31,500 करोड़ रुपए के निवेश वाली औद्योगिक इकाइयों को लगाने का काम जनवरी में ही शुरू हो गया है जबकि 74 हज़ार करोड़ रुपए से ज़्यादा की अन्य परियोजनाओं में निवेश मार्च 2020 में संभावित है. वीडियो देखिये इस प्रस्तावित निवेश से तक़रीबन 2.10 लाख लोगों को रोज़गार मिलने की उम्मीद है और सीएम कमलनाथ ने ऐलान किया है कि इनमें 70 फ़ीसदी रोज़गार स्थानीय नौजवानों को देना ज़रूरी होगा.
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