कोरोनावायरस: वैश्विक असर पर संयुक्त राष्ट्र ने की रिपोर्ट जारी
कोरोना महामारी के कारण 2020 में वैश्विक अर्थव्यवस्था 3.2 प्रतिशत तक सिकुड़ने का अनुमान है। कुल नुकसान को लगभग चार वर्षों के उत्पादन लाभ के बराबर माना जा रहा है। ऐसा संयुक्त राष्ट्र द्वारा एक मध्य-वर्ष आर्थिक विश्लेषण के अनुसार बताया गया है।
बुधवार को लॉन्च किए गए अपने वर्ल्ड इकोनॉमिक सिचुएशन एंड प्रॉस्पेक्ट (डब्ल्यूईएसपी) रिपोर्ट अपडेट में यूएन डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक एंड सोशल अफेयर्स (डीईएसए) ने कहा कि 2020 के मध्य तक विकसित देशों में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 5.0 फीसदी तक की गिरावट आएगी, जबकि विकासशील देशों का उत्पादन 0.7 फीसदी कम होगा।
कोरोनावायरस ने एक स्वास्थ्य और आर्थिक संकट पैदा किया है। लॉकडाउन के साथ साथ कोरोनावायरस ने आर्थिक गतिविधि को भी लगभग बंद कर दिया है और वैश्विक स्तर पर लाखों श्रमिकों को नौकरियों से हटा दिया है। इस बीच महामारी से लड़ने और एक भयावह आर्थिक मंदी के प्रभाव को कम करने के लिए सरकारें विश्व स्तर पर राजकोषीय प्रोत्साहन उपायों को लागू कर रही हैं जो दुनिया की जीडीपी के लगभग 10 प्रतिशत के बराबर हैं। हालांकि कोरोनावायरस से संबंधित मृत्यु दर हाल ही में कुछ धीमा हो गया है लेकिन इस महामारी का भविष्य अभी भी अनिश्चित बना हुआ है। जीवन को बचाने के साथ साथ अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए कुछ सरकारें महामारी के कारण लगे प्रतिबंधों को सावधानीपूर्वक उठाने की शुरुआत कर रही हैं। संयुक्त राष्ट्र के पूर्वानुमान में स्पष्ट किया गया है कि संकट से जूझ रहे देशों को आर्थिक और वित्तीय सहायता देने के साथ-साथ महामारी को कम करने के लिए मजबूत बहुपक्षीय समर्थन और एकजुटता की ज़रुरत होगी जिससे वैश्विक गतिविधियों को पुनर्जीवित किया जा सकेगा।
Is the impact of #COVID19 worse than the #GreatDepression?
— UN DESA (@UNDESA) May 13, 2020
World economy to shrink by 3.2% in 2020.
Developed countries' economies to contract by 5.0%
Developing countries to shrink by 0.7%.
Find out more from our #WorldEconomyReport just out.https://t.co/jYGpYiQijC pic.twitter.com/BiKVVonkon
कोरोनावायरस ने एक स्वास्थ्य और आर्थिक संकट पैदा किया है। लॉकडाउन के साथ साथ कोरोनावायरस ने आर्थिक गतिविधि को भी लगभग बंद कर दिया है और वैश्विक स्तर पर लाखों श्रमिकों को नौकरियों से हटा दिया है। इस बीच महामारी से लड़ने और एक भयावह आर्थिक मंदी के प्रभाव को कम करने के लिए सरकारें विश्व स्तर पर राजकोषीय प्रोत्साहन उपायों को लागू कर रही हैं जो दुनिया की जीडीपी के लगभग 10 प्रतिशत के बराबर हैं। हालांकि कोरोनावायरस से संबंधित मृत्यु दर हाल ही में कुछ धीमा हो गया है लेकिन इस महामारी का भविष्य अभी भी अनिश्चित बना हुआ है। जीवन को बचाने के साथ साथ अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए कुछ सरकारें महामारी के कारण लगे प्रतिबंधों को सावधानीपूर्वक उठाने की शुरुआत कर रही हैं। संयुक्त राष्ट्र के पूर्वानुमान में स्पष्ट किया गया है कि संकट से जूझ रहे देशों को आर्थिक और वित्तीय सहायता देने के साथ-साथ महामारी को कम करने के लिए मजबूत बहुपक्षीय समर्थन और एकजुटता की ज़रुरत होगी जिससे वैश्विक गतिविधियों को पुनर्जीवित किया जा सकेगा।
Latest Videos