यूपी का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट 'आगरा', स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया था रोल मॉडल
उत्तर प्रदेश में कोरोना का पहला मामला 9 मार्च को आया था. एक महीने से ज़्यादा वक़्त गुज़र जाने के बाद आगरा यूपी का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट है. यहां कोरोनावायरस के संक्रमित मरीज़ों का आंकड़ा 167 पहुंच चुका है और इस ज़िले को रेड ज़ोन में डाला जा चुका है. ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि मध्यप्रदेश के इंदौर की तरह आगरा में भी हालात बेक़ाबू हो रहे हैं. यहां पिछले 24 घंटे में ही 19 नए मामले सामने आए हैं. कोरोनों के हर दिन आते मामलों से यह बिल्कुल नहीं लगता कि यूपी का आगरा ज़िला कोरोना के ख़िलाफ़ जंग लड़ने में सक्षम है.
इसके बावजूद 11 अप्रैल को स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी प्रेस ब्रीफिंग में आगरा मॉडल की तारीफ की थी. केंद्र सरक़ार ने सभी राज्यों से आगरा मॉडल को फॉलो करने को कहा था.
हेल्थ सेक्रेट्री लव अग्रवाल ने बताया था कि कैसे ज़मीनी स्तर पर राज्य सरकार और जिला प्रशासन के प्रयासों से आगरा, जोकि देश का पहला क्लस्टर था, वहां पर तेज़ी से हालात सुधरे हैं। उन्होंने कहा था फ़िलहाल आगरा डिस्ट्रिक्ट में 92 मामले सामने आ चुके हैं जिनमे से 5 लोग रिकवर हो चुके हैं और 87 लोगों की अस्पताल में देखभाल हो रही है, जिसमें कोई भी गंभीर स्तिथि में नहीं है। मगर स्वास्थ्य मंत्रालय की इस तारीफ़ के पांच दिन बाद ही आगरा में संक्रमित मरीज़ों का आंकड़ा 92 से बढ़कर 167 हो चुका है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा तो नहीं लेकिन यूपी के आगरा के मुक़ाबले राजस्थान का भीलवाड़ा ज़रूर एक मॉडल के रूप में नज़र आता है. भीलवाड़ा देश के शुरुआती हॉटस्पॉट्स में गिना जाता था लेकिन यहां के ज़िला प्रशासन की मुस्तैदी के चलते कोरोना के मामले पूरी तरह थम गए हैं. यहां कोरोना का आख़िरी केस 4 अप्रैल को आय ता और तबसे भीलवाड़ा के लोगों की 3 बार स्क्रीनिंग की जा चुकी है लेकिन कोई भी कोरोना का मामला सामने नहीं आया है.
हेल्थ सेक्रेट्री लव अग्रवाल ने बताया था कि कैसे ज़मीनी स्तर पर राज्य सरकार और जिला प्रशासन के प्रयासों से आगरा, जोकि देश का पहला क्लस्टर था, वहां पर तेज़ी से हालात सुधरे हैं। उन्होंने कहा था फ़िलहाल आगरा डिस्ट्रिक्ट में 92 मामले सामने आ चुके हैं जिनमे से 5 लोग रिकवर हो चुके हैं और 87 लोगों की अस्पताल में देखभाल हो रही है, जिसमें कोई भी गंभीर स्तिथि में नहीं है। मगर स्वास्थ्य मंत्रालय की इस तारीफ़ के पांच दिन बाद ही आगरा में संक्रमित मरीज़ों का आंकड़ा 92 से बढ़कर 167 हो चुका है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा तो नहीं लेकिन यूपी के आगरा के मुक़ाबले राजस्थान का भीलवाड़ा ज़रूर एक मॉडल के रूप में नज़र आता है. भीलवाड़ा देश के शुरुआती हॉटस्पॉट्स में गिना जाता था लेकिन यहां के ज़िला प्रशासन की मुस्तैदी के चलते कोरोना के मामले पूरी तरह थम गए हैं. यहां कोरोना का आख़िरी केस 4 अप्रैल को आय ता और तबसे भीलवाड़ा के लोगों की 3 बार स्क्रीनिंग की जा चुकी है लेकिन कोई भी कोरोना का मामला सामने नहीं आया है.
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