उत्तर प्रदेश: मुरादाबाद कमिश्नर ऑफिस के बाहर गन्ना किसानों का प्रदर्शन
गन्ना किसानों को सरकार ने नहीं दिया भुगतान, कर रहे हैं प्रदर्शन
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ना किसान, मिल मालिकों की धाँधली से परेशान हैं। पांच ज़िलों के किसान सड़क पर उतर आए हैं और मुरादाबाद में कमिश्नर ऑफिस पर आकर इन किसानों ने प्रदर्शन किया. किसानों का कहना है कि अगर सरकार ने गन्ने की कीमत का निर्धारण 30 नवंबर तक नहीं किया तो किसान पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सड़कों पर गन्ना जला कर विरोध प्रदर्शन करेंगे.
मुरादाबाद में कमिश्नर ऑफिस के बाहर पांच ज़िलों के किसानों ने प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों का आरोप है कि उनके गन्ने का भुगतान रुका हुआ है और तो और अब उनको गन्ने की पर्ची पर गन्ने की कीमत डाले बगैर दी जा रही है जो कि सरासर गलत है.
किसानों का कहना है कि अगर 30 नंबबर तक सरकार ने गन्ने की कीमत निर्धारित नहीं की तो पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक दिसंबर से सड़कों पर गन्ना जलाकर प्रदर्शन किया जाएगा. यूपी देश में गन्ना उत्पादन के मामले में पहले स्थान पर आता है. देश का 50 प्रतिशत गन्ने का उत्पादन यूपी से ही होता है. यहां 35 लाख किसान गन्ना उत्पादन से जुड़े हैं और 119 के करीब चीनी मिल हैं. हर साल एक हज़ार 850 टन गन्ने का उत्पादन यूपी से होता है. समय-समय पर गन्ना किसान मिल मालिकों की धाँधली और न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर प्रदर्शन करते रहे हैं। यूपी की योगी सरकार ने पूर्व सरकार पर आरोप लगाते हुए गन्ना किसानों से वादा किया था कि पहले कि सरकार ने गन्ना समितियों को कमज़ोर किया है जिससे गन्ना मफिया हावी हुए हैं। पर्चियों की कालाबाज़ारी शुरु हुई है इन सब पर हम रोक लगाएंगे और यहां गन्ने की खेती का दायरा बढाएगें, लेकिन सरकार के दावे एक बार फिर फेल होते नज़र आ रहे हैं. ना ही पर्चियों की कालाबाजारी रुकी और ना ही किसानों को गन्ने की खेती से लाभ मिला।
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किसानों का कहना है कि अगर 30 नंबबर तक सरकार ने गन्ने की कीमत निर्धारित नहीं की तो पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक दिसंबर से सड़कों पर गन्ना जलाकर प्रदर्शन किया जाएगा. यूपी देश में गन्ना उत्पादन के मामले में पहले स्थान पर आता है. देश का 50 प्रतिशत गन्ने का उत्पादन यूपी से ही होता है. यहां 35 लाख किसान गन्ना उत्पादन से जुड़े हैं और 119 के करीब चीनी मिल हैं. हर साल एक हज़ार 850 टन गन्ने का उत्पादन यूपी से होता है. समय-समय पर गन्ना किसान मिल मालिकों की धाँधली और न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर प्रदर्शन करते रहे हैं। यूपी की योगी सरकार ने पूर्व सरकार पर आरोप लगाते हुए गन्ना किसानों से वादा किया था कि पहले कि सरकार ने गन्ना समितियों को कमज़ोर किया है जिससे गन्ना मफिया हावी हुए हैं। पर्चियों की कालाबाज़ारी शुरु हुई है इन सब पर हम रोक लगाएंगे और यहां गन्ने की खेती का दायरा बढाएगें, लेकिन सरकार के दावे एक बार फिर फेल होते नज़र आ रहे हैं. ना ही पर्चियों की कालाबाजारी रुकी और ना ही किसानों को गन्ने की खेती से लाभ मिला।
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