नागरिकता क़ानून के विरोध में यूएन, अमेरिका में आवाज़ें उठीं, बांग्लादेश भी नाराज़

by Shahnawaz Malik 4 years ago Views 4247

Voices have been raised in the UN, America against
केंद्र सरकार के नागरिकता क़ानून में संशोधन के ख़िलाफ़ संयुक्त राष्ट्र से लेकर अमेरिका तक में विरोध की आवाज़ें उठ रही हैं. संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार मामलों की संस्था और अमेरिका ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वो संविधान के दायरे में रहकर सभी अल्पसंख्यकों के अधिकार बरक़रार रखे.

केंद्र सरकार के विवादित नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ अंतरराष्ट्रीय मंच पर विरोध तेज़ हो गया है. मानवाधिकार मामलों की निगरानी करने वाली संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूएनएचसीआर ने नागरिकता क़ानून पर चिंता ज़ाहिर की है. यूएनएचसीआर ने कहा, ‘हम भारत के नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर चिंतित हैं जिसकी प्रकृति मूलरूप से भेदभाव करने वाली है. पीड़ित समुदायों की सुरक्षा देने वाला यह क़ानून स्वागत के लायक़ है लेकिन यह क़ानून मुसलमानों को सुरक्षा नहीं देता.’


नागरिकता क़ानून पर अमेरिका ने कहा, ‘नागरिकता संशोधन बिल को लेकर जारी हलचल की हम बारीक़ी से निगरानी कर रहे हैं. हमारी मांग है कि भारत संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों को ध्यान में रखते हुए धार्मिक अल्पसंख्यों के अधिकारों की रक्षा करे.’

अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता की निगरानी करने वाले अमेरिकी आयोग के राजदूत सैम ब्राउनबैक ने ट्वीट किया, ‘भारत की महान शक्तियों में से एक उसका संविधान है. लोकतंत्र का साथी होने के नाते हम भारत के संस्थानों का सम्मान करते हैं लेकिन नागरिकता संशोधन बिल की जटिलताओं को लेकर फिक्रमंद हैं. हम उम्मीद करते हैं कि भारत धार्मिक स्वतंत्रता समेत अपने संविधान की प्रतिबद्धताओं का पालन करेगा.’

वीडियो देखिये

नागरिकता क़ानून की वजह से पड़ोसी देश बांग्लादेश और भारत के रिश्तों में भी तल्ख़ी बढ़ रही है. गुवाहाटी में बांग्लादेश के राजनयिक के काफिले पर हमले के बाद ढाका में भारतीय राजदूत रीवा गांगुली दास तलब की गई हैं. बांग्लादेश के गृह मंत्री और वित्त मंत्री ने अपना भारत दौरा भी रद्द कर दिया है.

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