इस साल रमज़ान में देश-दुनिया की मस्जिदों में माहौल कैसा है?

by Shahnawaz Malik 4 years ago Views 56047

What is the atmosphere like in the mosques of the
दुनियाभर में रमज़ान का पाक महीना 24 अप्रैल से शुरू हो गया. मगर कोरोना की महामारी के चलते दुनियाभर में तक़रीबन 180 करोड़ मुसलमानों को इस साल का रमज़ान का महीना तमाम पाबंदियों के बीच गुज़ारना पड़ेगा.

कोरोनावायरस के ख़तरे को ध्यान में रखते हुए सऊदी अरब की दो प्रमुख मस्जिदों मस्जिद अल-हरम और मस्जिद अल-नबवी को भी बंद रखा गया है. सऊदी अरब ने कहा है कि इन मस्जिदों से अज़ान तो होगी लेकिन इबादत के लिए लोगों को मस्जिदों में जाने की इजाज़त नहीं होगी. दुनिया के कमोबेश सभी देशों में इस साल मस्जिदें बंद रखी गई हैं.


यही हाल भारत में भी है. दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद समेत हज़ारों मस्जिदें भारत में बंद हैं. उलेमाओं और धार्मिक संगठनों ने इस बार रमज़ान महीने में घर में ही रहकर इबादत करने की अपील की है. पुरानी दिल्ली का मटिया महल बाज़ार रमज़ान में ख़ासतौर पर सजाया जाता था लेकिन लॉकडाउन की वजह से यह बाज़ार भी बंद रहेगा.

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संसद मार्ग स्थित जामा मस्जिद के इमाम मोहिबुल्लाह नदवी ने कहा कि लोगों को मस्जिद आने की बजाय घर में रहकर नमाज़ पढ़नी चाहिए.

हैदराबाद की मशहूर मक्का मस्जिद बंद है. मस्जिद में सिर्फ परिंदे और इक्का-दुक्का लोग नज़र आ रहे हैं.

मक्का मस्जिद के प्रमुख मुहम्मद अब्दुल क़दीर सिद्दीक़ी ने कहा, ‘कल से रमज़ान का महीना शुरू हो रहा है. सभी से गुज़ारिश है कि कोरोना महामारी के चलते घर में रहकर इबादत करें. इस बार अपने घरवालों के साथ मिलकर इबादत करें और अपने घर में समृद्धि लाएं.’

जम्मू-कश्मीर में भी मस्जिदों और दरगाहों को बंद रखा गया है. श्रीनगर में डल झील के किनारे हज़रतबल दरगाह पर ख़ामोशी दिखी जहां हर साल रमज़ान के वक़्त ख़ास रौनक़ हुआ करती है.  

कोच्चि की जमात मस्जिद के इमाम ने कहा कि रमज़ान में सभी नमाज़ घर में पढ़ी जाएंगी और मज़हबी तंज़ीमों की अपीलों का सख़्ती से पालन होना चाहिए. रमज़ान महीने में मुसलमान अक्सर एक साथ जमा होकर रोज़ा खोलते हैं लेकिन इसबार ऐसा करने की इजाज़त नहीं है.तिरुवनंतपुरम की दो प्रमुख मस्जिदें भी बंद हैं. मस्जिदों में सिर्फ इमाम, मुअज़्ज़िन समेत एक दो लोगों को रहने की छूट दी गई है.

हालांकि पाकिस्तान की मस्जिदों में ऐसा हाल नहीं है. यहां कुछ शर्तों के साथ मस्जिदों को रमज़ान महीने में खुला रखने की छूट दे दी गई है जिसपर डॉक्टरों ने चिंता ज़ाहिर की है. डॉक्टरों ने कहा है कि ऐसा करने से संक्रमण फैलने का ख़तरा कई गुना बढ़ जाएगा और हालात बेक़ाबू हो सकते हैं. 

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