क्या है मीडिया के भीतर की सच्चाई ?
कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन है और इस बीच टीवी की ख़पत ज़्यादा बढ़ गई है। लोगों का टीवी से ज़्यादा जुड़ाव होने के कारण मीडिया की भूमिका और अधिक बढ़ जाती है। मीडिया की ज़िम्मेदारी बनती है कि वो सही मैसेज और सही जानकारी लोगों तक पहुंचाए। लेकिन कोरोना वायरस की इस महामारी के बीच मीडिया घराना अपना मूल काम भूलकर सरकारी प्रवक्ता बन बैठा है।
मीडिया ऑनरशिप मॉनिटर की रिपोर्ट कहती है कि 58 बड़े घरानों का देश की 80 फीसदी मीडिया पर कब्ज़ा है। जिनमें विधायक और सांसद के साथ-साथ बड़े-बड़े उद्योगपति भी शामिल हैं। हालांकि अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के पास मीडिया की ऑनरशिप न के बराबर है।
देखिए मीडिया के मौजूदा हालात पर ज़्यादा विस्तार से बता रहे हैं गोन्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ पंकज पचौरी।
देखिए मीडिया के मौजूदा हालात पर ज़्यादा विस्तार से बता रहे हैं गोन्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ पंकज पचौरी।
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