पाबंदियों का असर कितना होगा जब चार में से तीन स्मार्टफोन चीनी कंपनियों के हैं ?

by Rahul Gautam 3 years ago Views 2165

What will be the effect of restrictions when three
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता का हवाला देते हए 59 मोबाइल ऐप्लीकेशंस को बंद ज़रूर कर दिया है लेकिन देश में मोबाइल फोन के ग्राहक चीनी कंपनियों की गिरफ़्त में हैं. इतना ही नहीं, चीनी कंपनियों के मोबाइल में यूसी ब्राउज़र जैसी मोबाइल एप्लीकेशन पहले से ही इंस्टॉल्ड हैं.

मशहूर वेबसाइट स्टैटिस्टा के मुताबिक इस साल देश में स्मार्टफ़ोन यूज़र्स की संख्या 40 करोड़ पहुंच चुकी है जोकि लगातार बढ़ रहे हैं. वहीं काउंटरपॉइंट रिसर्च की रिपोर्ट कहती है कि देश में हर 4 में से 3 मोबाइल चीनी हैं. इसका सीधा मतलब है कि देश के 40 करोड़ मोबाइल धारकों में से लगभग 30 करोड़ लोग चीनी कंपनी का ही फ़ोन इस्तेमाल करते हैं.


इस शोध के मुताबिक भारत में स्मार्टफोन बाजार पर 30 फ़ीसदी ज़ियॉमी का कब्ज़ा है. दूसरे नंबर पर वीवो है जिसकी भारत के स्मार्टफोन के बाज़ार पर 17 फ़ीसदी तक कब्ज़ा है. वहीं कोरियाई कंपनी सैमसंग 16 फीसदी, रियल मी 14 फीसदी, ओप्पो 12 फीसदी के भागीदार हैं. वहीं अन्य मोबाइल फोन निर्माता 11 फ़ीसदी में आते हैं.

चीनी मोबाइल बनाने वाली कंपनियों के चीनी मोबाइल एप्लीकेशंस बनाने वाली कंपनियों से समझौता है और वे अपने मोबाइल हैंडसेट में चीनी एप्लीकेशंस को इंस्टॉल करके देते हैं. मगर अब चीनी एप्लीकेशंस बंद होने से करोड़ो भारतीय स्मार्टफोन यूज़र्स को परेशानी आनी तय है.

अकेले यूसी ब्राउज़र के भारत में 13 करोड़ यूजर है जिसका मार्केट शेयर लगभग 14.2 फ़ीसदी है और यह गूगल क्रोम के बाद सबसे ज़्यादा है. बीते जून के महीने में ही यूसी ब्राउज़र के 60 लाख नए यूजर बने थे भारत में. माना जा रहा है कि यूसी ब्राउज़र पर पाबंदी के बाद बहुत सारे लोग गूगल क्रोम पर चले जाएंगे. केंद्र सरकार की पाबंदियों से यह भी साफ है कि देश में इंटरनेट के इस्तेमाल के तौर-तरीक़े भी बदल जाएंगे.

Latest Videos

Latest Videos

Facebook Feed