फीस में कटौती के बाद भी जेएनयू के छात्र क्यों कर रहे हैं विरोध-प्रदर्शन?
जेएनयू के हॉस्टल मैनुअल में बढ़ी फ़ीसों में मामूली कटौती के बावजूद छात्रों का विरोध प्रदर्शन थमा नही हैं. जेएनयू के छात्रों ने यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक ब्लॉक की दीवारों को नारों से रंग दिया है और धरने पर बैठ गए हैं. छात्रों का कहना है कि अगर फ़ीस बढ़ोतरी जेएनयू में लागू हो गई तो फिर देश के बाक़ी विश्वविद्यालयों में भी लागू हो जाएगी. इससे सभी ग़रीब बच्चों के लिए उच्च शिक्षा नामुमकिन हो जाएगी.
प्रशासनिक ब्लॉक के बगल में स्वामी विवेकानंद की एक मूर्ति स्थापित की गई है जिसका अनावरण होना अभी बाक़ी है. इस मूर्ति के आसपास कुछ आपत्तिजनक नारे लिखे गए हैं. छात्रों के मुताबिक ऐसा फ़ीस बढ़ोतरी के मुद्दे को भटकाने के इरादे से किया गया है.
जेएनयू के वीसी जगदीश कुमार पर आरोप लगता है कि वो अपने ही छात्रों और शिक्षकों से नहीं मिलते. जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आयशी घोष ने कहा कि 18 दिन जारी विरोध प्रदर्शन के बावजूद वीसी ने छात्रों से कोई मुलाक़ात नहीं की. वहीं वीसी ने कहा कि हॉस्टल मैनुअल में बढ़ी फ़ीस में कटौती की गई है और कमज़ोर तबक़े के बच्चों को भारी छूट दे दी गई है. लिहाज़ा अब उन्हें अपनी क्लासेज़ की ओर लौटना चाहिए. वीडियो देखिये वहीं केंद्रीय विश्वविद्यालयों के संगठन फेडकुटा ने केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति के ख़िलाफ़ मंडी हाउस से लेकर जंतर-मंतर तक मार्च निकाला है. इस मार्च में भी जेएनयू के छात्र शामिल हुए और पूरी फ़ीस वापसी की मांग पर अड़े हुए हैं.
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