पीटीआई के चीनी राजदूत के साथ इंटरव्यू को प्रसार भारती ने 'राष्ट्र विरोधी' क्यों बताया ?

by GoNews Desk 3 years ago Views 3901

Why did Prasar Bharati describe the interview with
सरकारी संस्था प्रसार भारती ने शुक्रवार को न्यूज़ एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया पर देश के विरुद्ध रिपोर्टिंग करने का आरोप लगाते हुए उनकी सेवाएं रद्द करने की धमकी दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रसार भारती ने पीटीआई बोर्ड के अध्यक्ष विजय कुमार चोपड़ा को एक पत्र लिखकर हाल में ही हुए चीनी राजदूत सुन वेदोंग के इंटरव्यू पर गहरी नाराज़गी जताई है।

इस इंटरव्यू के छपने के बाद प्रसार भारती पीटीआई को दी जाने वाली वित्तीय सहायता को वापस लेने पर भी विचार कर रहा है। प्रसार भारती द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि पीटीआई की 'राष्ट्र विरोधी' रिपोर्टिंग से रिश्ते को जारी रखने में समस्या आ रही है और जल्द ही प्रसार भारती द्वारा इस विषय पर अंतिम फैसला किया जाएगा।


सारा विवाद तब शुरू हुआ जब हाल में ही पीटीआई ने चीनी राजदूत सुन वेदोंग का एक इंटरव्यू किया। इस पूरे इंटरव्यू में चीनी राजदूत से केवल तीन सवाल पूछे गए थे जिसमें चीनी राजदूत ने दोनों देशों के बीच गलवान घाटी में हुई झड़प के लिए भारत को दोषी ठहराया था। 

इंटरव्यू छपने के बाद कई लोगों ने इस बात पर आपत्ति जताई की पीटीआई के रिपोर्टर ने तीखे सवाल क्यों नहीं पूछे? कई लोगों ने इसे एक इंटरव्यू के बजाय चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा जारी एक प्रेस रिलीज़ बताया है। 

बता दें, 1947 से कार्यरत पीटीआई देश की सबसे बड़ी न्यूज़ एजेंसी है और 500 से ज्यादा अखबारों को खबरें देती है। हालांकि प्रसार भारती, पीटीआई का सबसे बड़ा सब्सक्राइबर में शामिल है लेकिन पीटीआई में उसकी कोई हिस्सेदारी नहीं है।

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