क्या ट्रंप की किस्मत का फैसला भारतीय वोट करेगा ?
कोरोना से जूझ रहे अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज़ हो चली है। जानकार मान रहे हैं कि नवंबर में होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय मूल के अमरीकी नागरिकों की अहम भूमिका रहेगी जोकि दक्षिण एशियाआई देशों से आए प्रवासियों में सबसे बड़ा समूह है। अब एक बड़े डेमोक्रैट नेता थॉमस पेरेज़ (Thomas Perez) ने कहा है कि भारतीय-अमेरिकी डेमोक्रैट पार्टी के उम्मीदवार जोए बिडन (Joe Biden) और मौजुदा राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की हार-जीत का अहम फैसला करेंगे।
एक कार्यक्रम में इस बात पर ज़ोर देते हुए पेरेज़ ने कहा है कि अकेले मिशिगन राज्य में 1 लाख 25 हज़ार भारतीय-अमेरिकी रहते हैं जबकि 2016 में डॉनाल्ड ट्रंप ने हेलिरी क्लिंटन को केवल 10 हज़ार 700 वोटों से हराया था। उन्होंने कहा 'Battleground States' जैसे अरिज़ोना, फ्लोरिडा, ज्योर्जिया, मिशिगन, नॉर्थ कैरोलिना, पेन्निसिलवानिया, टेक्सास और विस्कोंसिन में करीब 13 लाख भारतीय-अमेरिकी बस्ते हैं। 'Battleground States' उन राज्यों को कहते हैं जो किसी एक पार्टी के लिए एकमुश्त वोटिंग नहीं करते हैं।
आखिर राष्ट्रपति चुनाव में क्यों ज़रूरी है 'हिंदुस्तानी वोट' ? दक्षिण एशियाआई देशों से आए लोगों के लिए काम करने वाली एक संस्था 'सॉल्ट' की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2010 से 2017 में अमरीकी-भारतीयों की तादाद 29 लाख 18 हज़ार 807 से बढ़कर 40 लाख 94 हज़ार 539 पहुंच गई है। यानि 7 सालों में 40.3 फीसदी की बढ़त। साथ ही रिपोर्ट बताती है, इसमें से करीब 15 लाख 58 हज़ार 594 लोग वोट डालने का हक़ रखते हैं और अन्य देशों से आये लोगों के मुक़ाबले भारतीय ज्यादा अमीर हैं। अमेरिकन कम्युनिटी सर्वे 2017 के अनुसार सबसे ज्यादा भारतीय कैलिफ़ोर्निया में बसे हैं, जहां लगभग 7.3 लाख, उसके बाद 3.7 लाख न्यू यॉर्क में और न्यू जर्सी में, टेक्सास में 3.5 लाख, इलेनॉइस में 2.3 लाख और फ्लोरिडा में 1.5 लाख भारतीय बस्ते हैं। अमेरिका के 50 में से 18 राज्यों में भारतीय दूसरे देशों से आए प्रवासियों का सबसे समूह है। अगर बात करें प्रतिशत की तो, सबसे ज्यादा न्यू जर्सी में 4.1 फीसदी, र्होड आईसलैंड (Rhode Island) में 3.36, न्यू यॉर्क में 1.88, इलेनॉइस में 1.81, कैलिफ़ोर्निया 1.8 फीसदी और डिलावेयर (Delaware) में 1.61 फीसदी भारतीय बस्ते हैं। इसके अलावा अमेरिका के 50 में से 16 राज्यों में भारतीय प्रवासियों की आबादी एक फीसदी से ज़्यादा है। इस साल का चुनाव कांटे का है जहां कुछ हज़ार वोट भी बाज़ी पलट सकते हैं। इस साल फरवरी के अंत में डॉनाल्ड ट्रंप भारत दौरे पर आये थे और गुजरात में 'केमछो-ट्रंप' नाम का एक बड़ा कार्यक्रम हुआ था। ट्रंप के भारत दौरे को भी अमरीकी चुनाव से जोड़कर देखा गया था। गुजरात से बड़ी तादाद में लोग अमेरिका में जाकर बस गए हैं। अमरीकी सेंसस आंकड़ों के मुताबिक गुजरात राज्य से आये लोगों की आबादी अमरीकी-भारतीयों की कुल आबादी का 20 फीसदी है।
आखिर राष्ट्रपति चुनाव में क्यों ज़रूरी है 'हिंदुस्तानी वोट' ? दक्षिण एशियाआई देशों से आए लोगों के लिए काम करने वाली एक संस्था 'सॉल्ट' की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2010 से 2017 में अमरीकी-भारतीयों की तादाद 29 लाख 18 हज़ार 807 से बढ़कर 40 लाख 94 हज़ार 539 पहुंच गई है। यानि 7 सालों में 40.3 फीसदी की बढ़त। साथ ही रिपोर्ट बताती है, इसमें से करीब 15 लाख 58 हज़ार 594 लोग वोट डालने का हक़ रखते हैं और अन्य देशों से आये लोगों के मुक़ाबले भारतीय ज्यादा अमीर हैं। अमेरिकन कम्युनिटी सर्वे 2017 के अनुसार सबसे ज्यादा भारतीय कैलिफ़ोर्निया में बसे हैं, जहां लगभग 7.3 लाख, उसके बाद 3.7 लाख न्यू यॉर्क में और न्यू जर्सी में, टेक्सास में 3.5 लाख, इलेनॉइस में 2.3 लाख और फ्लोरिडा में 1.5 लाख भारतीय बस्ते हैं। अमेरिका के 50 में से 18 राज्यों में भारतीय दूसरे देशों से आए प्रवासियों का सबसे समूह है। अगर बात करें प्रतिशत की तो, सबसे ज्यादा न्यू जर्सी में 4.1 फीसदी, र्होड आईसलैंड (Rhode Island) में 3.36, न्यू यॉर्क में 1.88, इलेनॉइस में 1.81, कैलिफ़ोर्निया 1.8 फीसदी और डिलावेयर (Delaware) में 1.61 फीसदी भारतीय बस्ते हैं। इसके अलावा अमेरिका के 50 में से 16 राज्यों में भारतीय प्रवासियों की आबादी एक फीसदी से ज़्यादा है। इस साल का चुनाव कांटे का है जहां कुछ हज़ार वोट भी बाज़ी पलट सकते हैं। इस साल फरवरी के अंत में डॉनाल्ड ट्रंप भारत दौरे पर आये थे और गुजरात में 'केमछो-ट्रंप' नाम का एक बड़ा कार्यक्रम हुआ था। ट्रंप के भारत दौरे को भी अमरीकी चुनाव से जोड़कर देखा गया था। गुजरात से बड़ी तादाद में लोग अमेरिका में जाकर बस गए हैं। अमरीकी सेंसस आंकड़ों के मुताबिक गुजरात राज्य से आये लोगों की आबादी अमरीकी-भारतीयों की कुल आबादी का 20 फीसदी है।
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