वर्ल्ड बैंक का डरावना अनुमान, देश की अर्थव्यवस्था 3.2 फीसदी तक सिकुड़ेगी
वर्ल्ड बैंक का डरावना अनुमान, देश भयानक मंदी की गिरफ्त में देश में गहराता आर्थिक संकट अब किसी से छुपा नहीं है। बीते साल के चारो क्वार्टर बताते है कि कैसे देश भयंकर मंदी की गिरफ्त में है। लेकिन स्थिति कोरोना के चलते बद से बदतर हो चली है।
वर्ल्ड बैंक की ताज़ा रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि साल 2021 में भारत की अर्थव्यवस्था 3.2 फीसदी सिकुड़ जाएगी। बीते साल यही दर पॉजिटिव 4.2 % थी। बैंक ने अनुसार इस ज़बरदस्त गिरावट की सबसे बड़ी वजह है कोरोना महामारी से लड़ने के लिए किये गए सख्त लॉकडाउन से उद्योग धंधो पर पड़ी मार।
साथ ही पूरी दुनिया में रद्द हुई व्यापारिक गतिविधियों को भी इसके लिए ज़िम्मेदार ठहराया गया है। कई दूसरी अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी जैसे फिच, एस एंड पी, गोल्डमैन सेक्स और यूबीएस पहले ही अनुमान लगा चुकी है कि भारत की अर्थव्यवस्था 5 फीसदी तक सिकुड़ जाएगी। अर्थव्यवस्था का ताज़ा हाल विकास दर की सुस्त रफ़्तार से पहले ही सामने आ चुका है. अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडी ने निवेश के लिए भारत को नेगेटिव कैटगरी में डाल दिया है. भारत की 2.8 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी में 5 फीसदी कितना बड़ा आंकड़ा होता है, आप समझ सकते है। वीडियो देखिए हालांकि इसी रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि साल 2022 में अर्थव्यवस्था में सुधार होगा और वो 3.1 फीसदी की रफ़्तार से बढ़ सकती है। आप अंदाज़ा लगाइये कि हम कितना पीछे हैं क्यूंकि जनवरी में आई वर्ल्ड बैंक की ही रिपोर्ट में भारत की विकास दर 2022 में 6.2 रहने का अनुमान लगाया था. रिपोर्ट में बताया गया है कि इस भयंकर महामंदी का सबसे ज्यादा असर भारत जैसे विकासशील देश पर होगा जहां बड़े पैमाने पर लोग असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं। वर्ल्ड बैंक का मानना है कि केवल भारत ही नहीं पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को महामारी के चलते हुए लॉकडाउन के कारण से धक्का पंहुचा है। इसी रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था भी 5 फीसदी तक सिकुड़ जाएगी।
साथ ही पूरी दुनिया में रद्द हुई व्यापारिक गतिविधियों को भी इसके लिए ज़िम्मेदार ठहराया गया है। कई दूसरी अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी जैसे फिच, एस एंड पी, गोल्डमैन सेक्स और यूबीएस पहले ही अनुमान लगा चुकी है कि भारत की अर्थव्यवस्था 5 फीसदी तक सिकुड़ जाएगी। अर्थव्यवस्था का ताज़ा हाल विकास दर की सुस्त रफ़्तार से पहले ही सामने आ चुका है. अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडी ने निवेश के लिए भारत को नेगेटिव कैटगरी में डाल दिया है. भारत की 2.8 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी में 5 फीसदी कितना बड़ा आंकड़ा होता है, आप समझ सकते है। वीडियो देखिए हालांकि इसी रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि साल 2022 में अर्थव्यवस्था में सुधार होगा और वो 3.1 फीसदी की रफ़्तार से बढ़ सकती है। आप अंदाज़ा लगाइये कि हम कितना पीछे हैं क्यूंकि जनवरी में आई वर्ल्ड बैंक की ही रिपोर्ट में भारत की विकास दर 2022 में 6.2 रहने का अनुमान लगाया था. रिपोर्ट में बताया गया है कि इस भयंकर महामंदी का सबसे ज्यादा असर भारत जैसे विकासशील देश पर होगा जहां बड़े पैमाने पर लोग असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं। वर्ल्ड बैंक का मानना है कि केवल भारत ही नहीं पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को महामारी के चलते हुए लॉकडाउन के कारण से धक्का पंहुचा है। इसी रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था भी 5 फीसदी तक सिकुड़ जाएगी।
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