दक्षिण एशिया में 2020 तक 7 करोड़ से ज्यादा होंगे बेरोज़गार - संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र के इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइज़ेशन यानि अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की सोमवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण एशिया में 2020 तक करीब 7.23 करोड़ लोगों के पास नौकरी नहीं होगी। इस रिपोर्ट में कहा गया है अब सुस्त पड़ती वैश्विक अर्थव्यवस्था के कारण नई नौकरियां पैदा होना भी बंद हो गई है।
हाल ही में इंटरनेशनल लेबर आर्गेनाईजेशन ने अपनी नई रिपोर्ट जारी की है। जिसके मुताबिक़ बेरोज़गारी की दर पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ रही है। इस रिपोर्ट में कहा गया है की साल 2018 में दक्षिण एशिया में रोजगार केवल 0.7 प्रतिशत बढ़ा है। साल 2017 के मुकाबले इसमें लगभग आधे प्रतिशत की कटौती हुई है। भारत के साथ पड़ोसी देशों में भी रोज़गार पैदा होना लगभग बंद हो गया है। इस रिपोर्ट में बढ़ती आबादी के कारण पैदा होने वाली चुनौतियों से निपटने पर भी ज़ोर दिया गया है।
आंकड़ों को देखा जाए तो पिछले एक दशक में पहली बार रोजगार वृद्धि में इतनी ज़्यादा गिरावट देखने को मिली है। अनुमान है की बेरोज़गारी दर 2019 में दुनिया भर के औसत दर से नीचे रहेंगी और 2020 में भी हालात बेहतर होने की कम ही संभावना है। तेज़ी से बढ़ती आबादी और रोज़गार सृजन के कम होने से बेरोज़गार लोगों की संख्या 2020 तक 7.23 करोड़ लोग होने का अनुमान है। रिपोर्ट कहती है दक्षिणी एशिया में गरीबी दर बहुत अधिक होने के वजह से करीब 2.17 करोड़ कामकाजी लोग अत्यंत गरीबी में रहने को मजबूर हैं। साथ ही 90 प्रतिशत युवा असंगठित रोजगार पर निर्भर करता है। इतनी बड़ी संख्या में काम करने वाले कर्मचारियों को नौकरी की कोई सुरक्षा प्राप्त नहीं है। रिपोर्ट में ये भी सामने आया है की 40 से 60 प्रतिशत लोग बिना किसी लिखित पुष्टि के काम कर रहे हैं। जानकारों का कहना है इस रिपोर्ट से दुनिया में कामकाज के तरीको में आ चुके बदलाव और भविष्य में आने वाले बदलावों को समझने में मदद मिलेगी।
आंकड़ों को देखा जाए तो पिछले एक दशक में पहली बार रोजगार वृद्धि में इतनी ज़्यादा गिरावट देखने को मिली है। अनुमान है की बेरोज़गारी दर 2019 में दुनिया भर के औसत दर से नीचे रहेंगी और 2020 में भी हालात बेहतर होने की कम ही संभावना है। तेज़ी से बढ़ती आबादी और रोज़गार सृजन के कम होने से बेरोज़गार लोगों की संख्या 2020 तक 7.23 करोड़ लोग होने का अनुमान है। रिपोर्ट कहती है दक्षिणी एशिया में गरीबी दर बहुत अधिक होने के वजह से करीब 2.17 करोड़ कामकाजी लोग अत्यंत गरीबी में रहने को मजबूर हैं। साथ ही 90 प्रतिशत युवा असंगठित रोजगार पर निर्भर करता है। इतनी बड़ी संख्या में काम करने वाले कर्मचारियों को नौकरी की कोई सुरक्षा प्राप्त नहीं है। रिपोर्ट में ये भी सामने आया है की 40 से 60 प्रतिशत लोग बिना किसी लिखित पुष्टि के काम कर रहे हैं। जानकारों का कहना है इस रिपोर्ट से दुनिया में कामकाज के तरीको में आ चुके बदलाव और भविष्य में आने वाले बदलावों को समझने में मदद मिलेगी।
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