चंद्रयान-2 ऑर्बिटर अगले एक साल तक लगाता रहेगा चांद का चक्कर
भारत के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष मिशन चंद्रयान दो को बड़ा झटका लगा है. चांद की सतह से ठीक 2.1 किलोमीटर पहले चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का संपर्क टूट गया. इसरो के चेयरमैन के सिवन ने कहा कि विक्रम लैंडर के चांद पर उतरने का मिशन तय योजना के मुताबिक आगे बढ़ रहा था और सतह से 2.1 किलोमीटर ऊंचाई तक सबकुछ सामान्य था लेकिन इसके बाद लैंडर विक्रम का ग्राउंड स्टेशन से संपर्क टूट गया. डेटा को परखा जा रहा है.
इसरो विक्रम लैंडर की चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की लाइव स्ट्रीमिंग कर रहा था और लाखों लोग इसे लाइव देख रहे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाने के लिए ख़ुद बंगलुरू में इसरो मुख्यालय पहुंचे थे. संपर्क टूटने पर पीएम मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों से कहा कि अभी तक की यात्रा कोई मामूली उपलब्धि नहीं है. उन्होंने बधाई देते हुए कहा कि सभी वैज्ञानिकों ने विज्ञान और मानव जाति की बड़ी सेवा की है.
वहीं वैज्ञानिकों का कहना है कि सॉफ्ट लैंडिंग नहीं होने से चंद्रयान—2 मिशन पूरी तरह ख़त्म नहीं हुआ है. ये मिशन का आख़िरी हिस्सा था जबकि बाक़ी 95 फ़ीसदी चंद्रयान-2 आर्बिटर अगले एक साल तक चांद का सफ़लतापूर्वक चक्कर काटता रहेगा.
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वहीं वैज्ञानिकों का कहना है कि सॉफ्ट लैंडिंग नहीं होने से चंद्रयान—2 मिशन पूरी तरह ख़त्म नहीं हुआ है. ये मिशन का आख़िरी हिस्सा था जबकि बाक़ी 95 फ़ीसदी चंद्रयान-2 आर्बिटर अगले एक साल तक चांद का सफ़लतापूर्वक चक्कर काटता रहेगा.
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