GoFlashback: जब डेनिस लिली ने एल्युमीनियम बैट के साथ बल्लेबाज़ी की
ऑस्ट्रेलिया के महान तेज़ गेंदबाज़ डेनिस लिली बॉलिंग के साथ-साथ मैदान में अपने ग़ुस्से के लिए भी जाने जाते थे और इसी कारण वो अक्सर विवादों में भी घिरे रहते थे।
1979 में इंग्लैंड के खिलाफ पर्थ में खेले गए टेस्ट मैच में लिली ने कुछ ऐसा किया जिसने इस खेल को एक नया नियम बनाने पर मजबूर कर दिया। पहले दिन का खेल खत्म होने तक ऑस्ट्रेलिया का स्कोर था 232/8 और डेनिस लिली 11वें नंबर पर बल्लेबाज़ी कर रहे थे।
अगले दिन खेल शरू होते ही कुछ ऐसा हुआ जो क्रिकेट के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ था। लिली जब बल्लेबाज़ी के लिए मैदान में उतरे तो हाथ में लकड़ी की जगह एल्युमिनियम का बैट था। लिली को जब गेंदबाज़ ने बॉल फेंकी तो उन्होंने उसे अपने बल्ले से ज़ोर से हिट किया और तीन रन के लिये दौड़ पड़ें। इंग्लैंड के कप्तान माइक बियर्ले ने अंपायर से लिली द्वारा एल्युमीनियम का बैट इस्तेमाल करने पर आपत्ति जताई और शिकायत करते हुए कहा कि लकड़ी के बैट के अलावा किसी और बैट का इस्तेमाल नहीं होना चाहिये क्योंकि उससे बॉल खराब हो जाएगी। हालांकि उस समय क्रिकेट के नियमों में कहीं भी जिक्र नहीं था कि आपके किस प्रकार के बल्ले से खेलना है। अंपायर ने लिली के साथ लम्बी बातचीत की और उन्हें मनाने की कोशिश करते रहे कि वो बैट बदल लें लेकिन लिली अपनी ज़िद्द पर अड़े रहे और उन्होंने बैट बदलने से इंकार कर दिया। बाद में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान ग्रेग चैपल ने लिली से अनुरोध किया कि वो बल्ला बदल लें। लिली ने अपने कप्तान का कहना तो मान लिया लेकिन वो इस फैसले से खुश नहीं थे। कुछ सालों के बाद लिली ने अपनी बायोग्राफी ‘Menace’ में इस किस्से का ज़िक्र किया और बताया कि इस पूरे मामले का मक़सद सिर्फ मार्केटिंग करना था। दरअसल वो एल्युमिनियम का बैट लिली के एक खास दोस्त की कंपनी ने बनाया था। उस मैच के बाद एल्युमीनियम के बैट की डिमांड मार्केट में बढ़ तो गई लेकिन इस घटना के कुछ महीने बाद ही क्रिकेट का नया नियम लागू कर दिया गया, जिसके तहत क्रिकेट में सिर्फ लकड़ी का ही बैट इस्तेमाल किया जा सकता था, जो नियम आज तक चल रहा हैं। GoFlashback: जिस फिल्म से बने अमिताभ बच्चन 'एंग्री यंग मैन' देखें वीडियो
अगले दिन खेल शरू होते ही कुछ ऐसा हुआ जो क्रिकेट के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ था। लिली जब बल्लेबाज़ी के लिए मैदान में उतरे तो हाथ में लकड़ी की जगह एल्युमिनियम का बैट था। लिली को जब गेंदबाज़ ने बॉल फेंकी तो उन्होंने उसे अपने बल्ले से ज़ोर से हिट किया और तीन रन के लिये दौड़ पड़ें। इंग्लैंड के कप्तान माइक बियर्ले ने अंपायर से लिली द्वारा एल्युमीनियम का बैट इस्तेमाल करने पर आपत्ति जताई और शिकायत करते हुए कहा कि लकड़ी के बैट के अलावा किसी और बैट का इस्तेमाल नहीं होना चाहिये क्योंकि उससे बॉल खराब हो जाएगी। हालांकि उस समय क्रिकेट के नियमों में कहीं भी जिक्र नहीं था कि आपके किस प्रकार के बल्ले से खेलना है। अंपायर ने लिली के साथ लम्बी बातचीत की और उन्हें मनाने की कोशिश करते रहे कि वो बैट बदल लें लेकिन लिली अपनी ज़िद्द पर अड़े रहे और उन्होंने बैट बदलने से इंकार कर दिया। बाद में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान ग्रेग चैपल ने लिली से अनुरोध किया कि वो बल्ला बदल लें। लिली ने अपने कप्तान का कहना तो मान लिया लेकिन वो इस फैसले से खुश नहीं थे। कुछ सालों के बाद लिली ने अपनी बायोग्राफी ‘Menace’ में इस किस्से का ज़िक्र किया और बताया कि इस पूरे मामले का मक़सद सिर्फ मार्केटिंग करना था। दरअसल वो एल्युमिनियम का बैट लिली के एक खास दोस्त की कंपनी ने बनाया था। उस मैच के बाद एल्युमीनियम के बैट की डिमांड मार्केट में बढ़ तो गई लेकिन इस घटना के कुछ महीने बाद ही क्रिकेट का नया नियम लागू कर दिया गया, जिसके तहत क्रिकेट में सिर्फ लकड़ी का ही बैट इस्तेमाल किया जा सकता था, जो नियम आज तक चल रहा हैं। GoFlashback: जिस फिल्म से बने अमिताभ बच्चन 'एंग्री यंग मैन' देखें वीडियो
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