सचिन तेंदुलकर को मिला लॉरेस स्पोर्टिग मूमेंट अवार्ड
भारत के पूर्व कप्तान सचिन तेंदुलकर को लॉरेस स्पोर्टिग मूमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। इस मौके पर तेंडुलकर ने बताया कि विश्व कप जीतना उनका बचपन से सपना था और इस सपने को सच में बदलने में उन्हें 22 साल तक इसका पीछा करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
भारत ने साल 2011 में क्रिकेट विश्व कप जीता था और यह विश्व कप सचिन का आखिरी विश्व कप था। इस जीत के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने तेंदुलकर को अपने कंधों पर उठा लिया था, इसी पल को बीते 20 साल में लॉरेस स्पोर्टिग मूमेंट यानि लॉरेस सर्वश्रेष्ठ पल का अवार्ड मिला है।
आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव वॉ ने 46 साल के सचिन को यह अवार्ड सौंपा। सचिन ने अवार्ड मिलने के बाद कहा, "यह अविश्वसनीय है। विश्व कप जीतने की भावना को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। कितनी बार ऐसा होता है कि किसी टूर्नामेंट में अलग-अलग तरह के विचार निकल कर सामने आते हैं। बहुत कम होता है कि पूरा देश एक साथ मिलकर जश्न मनाए।" उन्होंने कहा, "यह बताता है कि खेल कितनी बड़ी ताकत है और ये हमारी जिंदगी पर क्या जादू करता है। अभी भी जब मैं उस पल को देखता हूं तो यह मेरे साथ ही रहता है।"
भारत ने साल 2011 में क्रिकेट विश्व कप जीता था और यह विश्व कप सचिन का आखिरी विश्व कप था। इस जीत के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने तेंदुलकर को अपने कंधों पर उठा लिया था, इसी पल को बीते 20 साल में लॉरेस स्पोर्टिग मूमेंट यानि लॉरेस सर्वश्रेष्ठ पल का अवार्ड मिला है।
आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव वॉ ने 46 साल के सचिन को यह अवार्ड सौंपा। सचिन ने अवार्ड मिलने के बाद कहा, "यह अविश्वसनीय है। विश्व कप जीतने की भावना को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। कितनी बार ऐसा होता है कि किसी टूर्नामेंट में अलग-अलग तरह के विचार निकल कर सामने आते हैं। बहुत कम होता है कि पूरा देश एक साथ मिलकर जश्न मनाए।" उन्होंने कहा, "यह बताता है कि खेल कितनी बड़ी ताकत है और ये हमारी जिंदगी पर क्या जादू करता है। अभी भी जब मैं उस पल को देखता हूं तो यह मेरे साथ ही रहता है।"
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