श्रीनगर: बर्फबारी के चलते दुर्लभ हिरण हंगुल के लिए खाना मिलना मुश्किल
श्रीनगर के दाचीगम नेशनल पार्क में दुर्लभ हिरण हंगुल के लिए वाइल्ड लाइफ लवर्स और फॉरेस्ट डिर्पाटमेंट लगातार हो रही बर्फबारी के बीच खाने-पीने की चीजों का इंतेज़ाम कर रहे हैं, ताकि इन्हें खाने की तलाश में बाहर ना जाना पड़े।
श्रीनगर में पिछले कई दिनों से हो रही लगातार बर्फबारी की वजह से यहां सड़कों पर बर्फ की मोटी परत बिछ गई है। बर्फ की मोटी परत बिछने से जानवरों को ठीक से खाना नहीं मिल पा रहा है और इसे देखते हुए कुछ वाइल्ड लाइफ लवर्स इनके लिए खाने की चीजे लेकर पहुंचे रहे हैं। उनका कहना है कि वो इनके खाने के लिए कई दिनों पहले से ही इतंजाम शुरू कर देते हैं, ताकि इन्हें किसी तरह की कोई दिक्कत ना हो।
फॉरेस्ट रेंजर नजीर मलिक का कहना है कि हर साल बर्फबारी के दौरान हंगुल और अन्य वन्य प्राणीयों के लिए खाने की चीजों का इतंजाम किया जाता हैं, ताकि खाने की तलाश में ये पार्क से बाहर ना जाए। क्योंकि हंगुल की आबादी वैसे ही कम हैं और ये सिर्फ दाचीगम में ही पाए जाते हैं। बाहर जाने से लोगों से हंगुल को किसी तरह का कोई नुकसान ना हो, इसे देखते हुए हम इनके खाने का इंतजाम यहीं करते हैं। एक तरफ जहां कुछ वाइल्ड लाइफ लवर्स इनके लिए खाने का सामान लेकर पहुंच रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ वाइल्ड लाइफ से जुड़े कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा करना गलत है क्योंकि ये कोई चिड़ियाघर नहीं है, बल्कि ये एक सेंचुरी हैं।जहां इन्हें हर मौसम के हिसाब से ढलना खुद आता हैं।
फॉरेस्ट रेंजर नजीर मलिक का कहना है कि हर साल बर्फबारी के दौरान हंगुल और अन्य वन्य प्राणीयों के लिए खाने की चीजों का इतंजाम किया जाता हैं, ताकि खाने की तलाश में ये पार्क से बाहर ना जाए। क्योंकि हंगुल की आबादी वैसे ही कम हैं और ये सिर्फ दाचीगम में ही पाए जाते हैं। बाहर जाने से लोगों से हंगुल को किसी तरह का कोई नुकसान ना हो, इसे देखते हुए हम इनके खाने का इंतजाम यहीं करते हैं। एक तरफ जहां कुछ वाइल्ड लाइफ लवर्स इनके लिए खाने का सामान लेकर पहुंच रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ वाइल्ड लाइफ से जुड़े कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा करना गलत है क्योंकि ये कोई चिड़ियाघर नहीं है, बल्कि ये एक सेंचुरी हैं।जहां इन्हें हर मौसम के हिसाब से ढलना खुद आता हैं।
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