Centre Fights An Uphill Battle As Income Dwindles And Expenses Rise

by GoNews Desk Aug 03, 2020 • 05:10 PM Views 1059

पहले से मंदी की गिरफ्त में आई देश की अर्थव्यवस्था कोरोना काल में और डूबती जा रही है। रोज़गार ख़त्म हो रहा है, उद्योग-धंधे सिकुड़ रहे हैं और सरकार अपने टैक्स वसूली के लक्ष्य पर लगातार पिछड़ रही है. यानि सरकार के पास आमदनी नहीं है और खर्चे पुरे करने के लिए उसको देश का घाटा बढ़ाना ही होगा।

सरकार के खाली ख़ज़ाने का मुख्य कारण टैक्स कलेक्शन में भारी कमी आना है। पिछले साल पहली तिमाही के अंत में राजकोषीय घाटा बजट अनुमान के 61.4 फीसदी पर था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चालू वित्त वर्ष के लिये राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 7.96 लाख करोड़ रुपये रखा था जो जीडीपी का 3.5 फीसदी है। लेकिन ये पहली तिमाही में ही अनुमान के 83.2 फीसदी यानी 6.62 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। सवाल है देश चलाने के लिए बाकी 9 महीने का पैसा कहा से आएगा।