बिलकिस बानो केस में सख़्त सज़ा बरक़रार रखने वाली चीफ़ जस्टिस इस्तीफ़ा देने की तैयारी में

by Shahnawaz Malik Sep 07, 2019 • 03:32 PM Views 905

सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम के रवैये और अपने तबादले से नाख़ुश मद्रास हाईकोर्ट की चीफ़ जस्टिस वीके ताहिलरमानी इस्तीफ़ा देने के मूड में हैं. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम से तबादले के फ़ैसले पर पुनर्विचार की अपील की थी लेकिन 3 सितंबर को कॉलेजियम ने इसे ख़ारिज कर दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मद्रास हाईकोर्ट के छह जजों ने उनके लिए छह सितंबर को डिनर आयोजित किया था, इसी दौरान उन्होंने फ़ैसले के बारे में बताया.

चीफ जस्टिस वीके ताहिलरमानी की गिनती देश के वरिष्ठ मुख्य न्यायधीशों में होती है. फिलहाल वो देश के सबसे पुराने हाईकोर्ट्स में शुमार मद्रास हाईकोर्ट की मुखिया हैं जहां कुल जजों की संख्या 75 है.

सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने ताहिलरमानी का तबादला मेघालय हाईकोर्ट में बतौर चीफ़ जस्टिस कर दिया और वहां तैनात उनके जूनियर एके मित्तल को मद्रास हाईकोर्ट का चीफ़ जस्टिस बना दिया. मगर एक बड़े हाईकोर्ट की चीफ़ जस्टिस को छोटे हाईकोर्ट की चीफ़ जस्टिस बनाना सामान्य नहीं माना जा रहा है.

वीके ताहिलरमानी 2001 में बॉंबे हाईकोर्ट की जज बनी थीं और पिछले साल अगस्त में उन्हें मद्रास हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया गया था. अपने कार्यकाल में उन्होंने कई साहसिक फ़ैसले सुनाए हैं. बॉम्बे हाईकोर्ट की एक्टिंग चीफ जस्टिस रहते हुए उन्होंने गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ हुए बलात्कार और हिंसा के मामले में सभी मुलज़िमों की सख़्त सज़ा को बरक़रार रखा था.