बिहार में भी अब सीएनजी गाड़ियों को दिया जा रहा है बढ़ावा, सरकार ने बनाया रोडमैप

by Ritu Versha Sep 06, 2019 • 05:08 PM Views 1182

ग्रीनपीस और एयर विजुअल की 2018 की एक रिपोर्ट के मुताबिक एयर पॉल्यूशन के मामले में बिहार की राजधानी पटना दुनिया का सातवां सबसे प्रदूषित शहर है. इसका सबसे बड़ा स्रोत पेट्रोल डीजल से चलने वाली निजी और कमर्शियल गाड़ियां हैं.

ऐसे में बिहार सरकार, राज्य में सीएनजी से चलने वाली गाड़ियों को बढ़ावा देने की तैयारी में है. बिहार सरकार ने कमर्शियल व्हीकल्स को सीएनजी में बदलने के लिए एक डेडलाइन भी तैयार कर ली है. सबसे पहले हैवी गाड़ियों के मालिकों को अपनी गाड़ियां पेट्रोल डीज़ल से सीएनजी पर शिफ्ट करनी होंगी. सीएनजी में बदलते ही गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन नंबर भी बदल जाएंगे.

हालांकि बिहार सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती जगह-जगह पर सीएनजी के फिलिंग पंप स्टेशन लगाने की होगी. आमतौर पर ये देखा गया है कि सीएनजी गाड़ियों को फिलिंग स्टेशन के बाहर हर दिन लंबी क़तार लगानी पड़ती है.

एक रिपोर्ट के मुताबिक़ देश में 28,86,027 सीएनजी वाहनों के लिए महज़ 1,742 सीएनजी स्टेशन ही हैं. राजधानी पटना में फिलहाल दो सीएनजी फिलिंग स्टेशन लगाए गए हैं. सरकार ने ऐलान किया है कि अक्टूबर तक तीन और स्टेशन खोले जायेंगे और अगले पांच सालों के दौरान राज्य में 459 सीएनजी फिलिंग स्टेशन खोलने का लक्ष्य रखा गया है.

वहीं गाड़ी मालिक सरकार के इस फ़ैसले से नाख़ुश हैं. उनके मुताबिक सरकार के इस कदम का असर उनके कारोबार पर होगा. हर दिन 400-500 रुपये कमाने वाले ऑटो ड्राइवर को सीएनजी किट लगवाने के लिए तक़रीबन 35,000 रुपये चुकाना होगा जो उसके लिए आसान नहीं होगा.

राज्य में फिलहाल कुल 9,22,500 कमर्शियल व्हीकल्स हैं, जिनमें 2,25,000 ऑटो-रिक्शा, 1,90,000 ट्रक, 3,25,000 ट्रैक्टर, 75,000 बसें और 7,000-7,500 टैंकर-लॉरी हैं।