सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करना हमारी मजबूरी: नियाज फारूकी
अयोध्या विवाद के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में वकील और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मेंबर नियाज अहमद फारूकी ने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करना हमारी मजबूरी है।
उन्होंने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट का फैसला हर एक के ऊपर बाइंडिंग है तो इसलिये हम फैसले को स्वीकार करेंगे। ये एक सभ्य समाज का वैल्यू सिस्टम है चाहे हम उसे माने या ना माने लेकिन सिविलाइज़ बिहेवियर के तहत हमें इसे स्वीकारना चाहिये।
फारूक़ी का कहना है कि हम जजमेंट को रिव्यू करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के बहुत सारे फैसले ऐसे आए हैं जिसपर कोर्ट ने खुद पुनर्विचार किया है। उन्होंने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट भी गलती कर सकती है लेकिन ऐसा है कि उसकी गलती भी लीगल है।