जम्मू-कश्मीर: सेब कारोबारियों की हालत गंभीर, 150 ट्रक की जगह मंडी में आ रहे हैं केवल 15 ट्रक

by Ritu Versha Sep 03, 2019 • 05:32 PM Views 21152

जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मालिक ने पिछले हफ्ते कहा था कि घाटी में जारी पाबंदियों का असर सेब उत्पादकों पर नहीं होगा। मलिक ने कहा कि, 5,500 करोड़ रूपये की लागत से कुल उत्पादन का 50 फीसदी से ज्यादा सेब केवल नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड यानि एनएएफईडी ने खरीदने के लिये मंजूरी दी है।

मलिक ने कहा कि इससे लाखों सेब उत्पादकों को फायदा होगा, मगर ज़मीनी हक़ीक़त इसके उलट है। कश्मीर घाटी में 30 दिनों से जारी बंदी की मार अब सेब समेत अन्य फलों के कारोबारियों पर पड़ने लगा है।

हर साल कश्मीर घाटी से जम्मू की फल मंडी में पहुंचने वाले ट्रक इस बार नदारद हैं। कारोबारियों का कहना है, कि पिछले साल हर दिन 100 -150 ट्रक कश्मीर घाटी से जम्मू की मंडी में आते थे लेकिन इस साल हर दिन महज़ 10-15 ट्रक ही मंडी तक पहुंच रहे हैं।

कारोबारियों का कहना है कि यदि कश्मीर घाटी से ट्रक जम्मू की फल मंडी तक सही वक़्त पर नहीं पहुंचेंगे तो इसका नुकसान सेब उगाने वाले किसानों और कारोबारियों को झेलना पड़ेगा। देरी से ट्रक आने पर ख़राब क्वॉलिटी के सेब कोई कारोबारी नहीं ख़रीदेंगे।

कारोबारियों का कहना है कि घाटी से ट्रक नहीं आने से बाजार में फलों के दाम बढ़ गए हैं। सेब जहां 20-25 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रहे थे, वही अब 70 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहे हैं।

जम्मू के कारोबारियों की मांग है कि कश्मीर में इंटरनेट और फोन की सेवाएं बहाल की जाएं ताकि वहां के किसानों से बातचीत शुरू हो पाए। कारोबारियों की मांग है कि घाटी के किसानों को गाड़ियों की सुविधा दी जाए ताकि उनके पास पड़ी सेब को वे जम्मू की मंडियों तक पहुंचा सके।