कैश की कमी से जूझ रही नॉन बैंकिंग फाइनेंस कम्पनियों की परेशानी बढ़ी

by Arika Bragta Sep 06, 2019 • 05:34 PM Views 25449

कैश की कमी से जूझ रही नॉन बैंकिंग फाइनेंस कम्पनियों यानी एनबीएफसी का संकट और बढ़ सकता है। इस महीने इन कम्पनियों को 35 हज़ार करोड़ का पेमेंट करना है लेकिन ज़्यादातर एनबीएफसी ये रकम चुकाने की हालत में नहीं हैं। ये भुगतान पिछले साल अक्टूबर के बाद से एक महीने में सबसे ज़्यादा है।

एनबीएफसी पहले से ही कैश की कमी से जूझ रही हैं और अभी भी ज़्यादातर कम्पनियां ये रकम चुकाने की हालत में नहीं हैं। पिछले साल इंफ्रास्ट्रक्चर लीज़िंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज़ यानि आईएल एंड एफएस के संकट के बाद से ही एनबीएफसी कैश की कमी का सामना कर रही हैं।

कई एनबीएफसी को सितम्बर के महीने में कुल 34,868.77 करोड़ रुपये चुकाने हैं। एडेलवाइसस, आनंद राठी और आईआईएफएल ग्रुप ऑफ़ कंपनियों को 600 से 800 करोड़ रूपये का भुगतान सितम्बर के महीने में ही करना है।

कई ब्लू चिप एनबीएफसी जैसे एचडीएफसी, बजाज फाइनेंस, टाटा कैपिटल और श्रीराम ट्रांसपोर्ट को भी इस महीने भारी रकम चुकानी हैं। एनबीएफसी चाहती हैं कि उनके निवेशक या तो उन्हें रिफ़ाइनेंस कर दें या फिर इस रक़म की वसूली आगे के लिए टाल दें लेकिन निवेशक इसके लिए तैयार नहीं हैं। इन कम्पनियों के ज़्यादातर निवेशक म्युचुअल फंड और कईं वित्तीय संस्थाएं हैं।

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