प्याज़ पर देश भर में हाहाकार के बाद सरकार की नींद टूटी, तुर्की और मिस्र से आएगी प्याज़
150 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रही प्याज़ ख़रीदना आम आदमी के बूते से बाहर हो गया है. सड़क से लेकर संसद तक बढ़ी क़ीमतों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन हो रहे हैं. विपक्ष के आक्रामक रवैये को देखते हुए केंद्रीय मंत्रियों का एक समूह बैठक कर रहा है. वहीं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने ऐलान किया है कि मिस्र और तुर्की से 17 हज़ार टन प्याज़ मंगाई जा रही है जो 15 जनवरी तक बाज़ारों में उपलब्ध हो पाएगी.
प्याज़ की क़ीमत क़ाबू करने में फेल मोदी सरकार ने आम आदमी के आंसू निकाल दिए हैं. देशभर में प्याज़ सौ से डेढ़ सौ रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रही है जिसे ख़रीदने से पहले लोगों को सोचना पड़ रहा है. भुवनेश्वर के नित्यानंद कहते हैं कि उनके जैसे लोग किसी तरह प्याज़ ख़रीद ले रहे हैं लेकिन ग़रीब आदमी इतनी महंगी प्याज़ कैसे खाए.
कारोबारियों का कहना है कि प्याज़ की बढ़ी क़ीमतों से उनका धंधा मंदा पड़ गया है. और जब तक प्याज़ की नई फसल तैयार नहीं होती, तब तक दाम कम होने के आसार नहीं हैं. प्याज़ की क़ीमतों का मुद्दा संसद में भी बार-बार गूंज रहा है.
अब आम आदमी पार्टी के बाद कांग्रेस सांसदों ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने जमा होकर प्याज़ की बढ़ी कीमतों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया है जिसमें पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम भी शामिल हुए. प्रदर्शनकारी कांग्रेसी सांसदों के हाथों में पोस्टर थे जिनपर लिखा था - ‘महंगाई पर प्याज़ की मार, चुप क्यों है मोदी सरकार’ और ‘कैसा है यह मोदी राज, महंगा राशन, महंगा प्याज.’
वहीं विपक्ष के आक्रामक रवैये को देख उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने अपनी सफ़ाई में कई ट्वीट किए. उन्होंने ऐलान किया कि इजिप्ट से 6090 टन और तुर्की से 11000 टन प्याज़ मंगाई जा रही है ताकि प्याज़ की उपलब्धता बढ़ाई जा सके. प्याज़ की ये खेप 15 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच उपलब्ध हो पाएगी.