जेएनयू कांड में नहीं मिले देशद्रोह के सबूत: दिल्ली सरकार
दिल्ली पुलिस ने पूर्व जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार समेत 10 लोगों पर देशद्रोह का आरोप लगाया था। कोर्ट के आदेशानुसार कन्हैया कुमार और उनके साथियों पर मुकदमा चलाने के लिये दिल्ली सरकार की अनुमति ज़रूरी थी लेकिन सरकार ने दिल्ली पुलिस के इस अनुरोध को मंजूरी नहीं दी है।
दिल्ली के गृह विभाग द्वारा तैयार किये गए पत्र में कहा गया है कि जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने के प्रकरण में यह साबित नहीं हो पाया है कि नारे कन्हैया कुमार ने लगाए थे। सरकार ने कहा है कि, कन्हैया कुमार के अलावा अन्य 10 आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 124-ए के तहत दर्ज किया गया मामला गलत है, उन पर अभियोजन स्वीकृति का कोई मामला नहीं बनता है।
साथ ही कहा गया है कि दिल्ली सरकार की अनुमति के बिना ही कन्हैया कुमार के खिलाफ चार्जशीट फाइल कर दी गई थी। इस पूरे मामले में दिल्ली सरकार ने कहा है कि वे इसकी जांच करेंगे और पूरी कानूनी सलाह के बाद ही कोई फैसला लेंगे।
जानकारी के मुताबिक, मामला 9 फरवरी 2016 का है जब संसद पर हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ जेएनयू कैंपस में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कन्हैया कुमार पर उस दौरान मार्च का नेतृत्व करने और देश विरोधी नारे लगाने का आरोप लगाया गया था।
दिल्ली पुलिस ने घटना के तकरीबन तीन साल बाद इस साल जनवरी में कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य समेत 10 लोगों के खिलाफ देशद्रोह और अन्य अपराधों के लिए 1200 पन्नों में चार्जशीट दाखिल की थी।