महाराष्ट्र: गावों में डॉक्टरों की तैनाती के लिये सरकार देगी मेडिकल की पढ़ाई में आरक्षण
गांवों में डॉक्टरों की तैनाती के लिये महाराष्ट्र सरकार मेडिकल की पढ़ाई के लिये आरक्षण देने की तैयारी कर रही है. महाराष्ट्र सरकार के मुताबिक ग्रामीण इलाक़ों में जाकर नौकरी करने वाले छात्रों को मेडिकल कॉलेजों में 10 से 20 फ़ीसदी तक का आरक्षण मिलेगा. इसके लिये मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीसी के लिये 10 फ़ीसदी और एमडी/एमएस की पढ़ाई के लिये 20 फ़ीसदी सीटें आरक्षित की जाएगी.
महाराष्ट्र सरकार द्वारा तैयार किये गए प्रस्ताव के मुताबिक जिन छात्रों को आरक्षित सीटों पर दाख़िला मिलेगा उन्हें अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद कम से कम पांच साल तक गांवों में जा कर सेवा देनी होगी।
इसके लिये बाक़ायदा बॉन्ड भरवाया जाएगा। यदि पढ़ाई पूरी होने के बाद डॉक्टर अपने वादे से मुकरते हैं तो उनकी डिग्री रद्द की जा सकती है. सरकार ने कहा है कि ये व्यवस्था केवल महाराष्ट्र के छात्रों के लिये होगी. इसे लेकर सरकार विधानसभा में जल्द ही बिल पेश कर सकती है।
हालांकि एम्स की रेज़िडेंट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर हरजीत सिंह भट्टी इस फ़ैसले को लेकर ज्यादा उत्साहित नज़र नहीं आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाक़ों में बुनियादी सुविधाएं भी नहीं होतीं और ऐसे इलाक़ों में डॉक्टरों के लिये काम करना बेहद मुश्किल हो जाता है.
महाराष्ट्र में फिलहाल करीब 1.5 लाख एलोपैथी डॉक्टर हैं लेकिन इनमें से बेहद कम संख्या में गांवों में तैनात हैं. हालांकि यही हाल देश के अन्य राज्यों का भी है और ग्रामीण इलाक़ों में स्वास्थ्य सेवा बुरी हालत में है.