पिछले छह महीने में डॉलर के मुकाबले रूपया, सबसे निचले स्तर पर
डॉलर के मुक़ाबले रुपया, पिछले छह महीने के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। शेयर बाज़ार से निवेशों का निकलने और कच्चे तेल के दामों में आई बढ़ोत्तरी के कारण रूपया कमज़ोर हुआ है।
अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने और शेयर बाज़ार से विदेशी पोर्टफ़ोलियो निवेशकों की लगातार हो रही निकासी से डॉलर के मुक़ाबले रुपया कमज़ोर हुआ।
मंगलवार को शुरुआती क़ारोबार में एक डॉलर की कीमत 71 रुपये 51 पैसे थी। दिन के क़ारोबार में ये बढ़कर 71 रुपये 80 पैसे हो गया और 71 रुपये 71 पैसे पर बंद हुआ। जबकि सोमवार को कारोबार बंद होते वक्त एक डॉलर की कीमत 71 रुपये 43 पैसे थी। पिछले एक महीने में रुपये में लगभग 5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। बता दें कि विदेशी पोर्टफ़ोलियो निवेशक, इक्विटी बाज़ार से लगातार रूपये निकाल रहे हैं। अब तक विदेशी पोर्टफ़ोलियो निवेशकों द्वारा इक्विटी बाज़ार से लगभग 24 हज़ार करोड़ रुपये निकाले जा चुके हैं। रूपये में आई इस बड़ी गिरावट का ये भी एक कारण बताया जा रहा है। इसके अलावा कच्चे तेल के दामों में आई तेज़ी ने भी रुपये की कमज़ोरी में अपना योगदान दिया है।
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