कोरोना महामारी में छोटी कंपनियों के लिए फंडिंग की मुश्किलें बढ़ीं
कोरोना महामारी के बाद ना सिर्फ लोगों के रहन सहन में बदलाव आया है बल्कि कारोबार के तौर तरीके भी बदल गए हैं. कारोबारियों का ध्यान अब डिजिटल माध्यम पर ज्यादा है। डेटा एनालिटिक्स फर्म ट्रैक्सन की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि लॉकडाउन की वजह से इस वर्ष के पहले छह महीने में स्टार्टप्स को मिलने वाली फंडिंग में 29 फीसदी की गिरावट आई है। ये फंडिंग पिछले साल की पहली छमाई में 5.9 बिलियन डॉलर थी जो अब गिरकर 4.2 बिलियन डॉलर पर रह गई।
ट्रैक्सन की इंडिया टेक सेमी-एनुअल फैक्टशीट के अनुसार 2019 में जून तक 725 कंपनियों को फंडिंग मिली थी जबकि इस साल जनवरी से जून तक केवल 443 कंपनियों को फंडिंग मिली है। चिंता की बात ये है कि इसमें ज्यादातर डिजिटल कंपनियां शामिल हैं जो इ कॉमर्स, आईटी और ऑनलाइन एजुकेशन से जुड़ी है और सभी बड़े स्तर पर मार्किट में पैर पसार चुकी है। वीडियो देखिए इस रिपोर्ट की मदद से ये समझना आसान है कि छोटी और गैर डिजिटल कंपनियों के लिए निवेशकों के दरवाज़े बंद हैं छोटे स्टार्टप्स के लिए महामारी के बाद आगे बढ़ने में और मुश्किलें आने वाली है और डिजिटल माध्यम बढ़ने वाला है।
ट्रैक्सन की इंडिया टेक सेमी-एनुअल फैक्टशीट के अनुसार 2019 में जून तक 725 कंपनियों को फंडिंग मिली थी जबकि इस साल जनवरी से जून तक केवल 443 कंपनियों को फंडिंग मिली है। चिंता की बात ये है कि इसमें ज्यादातर डिजिटल कंपनियां शामिल हैं जो इ कॉमर्स, आईटी और ऑनलाइन एजुकेशन से जुड़ी है और सभी बड़े स्तर पर मार्किट में पैर पसार चुकी है। वीडियो देखिए इस रिपोर्ट की मदद से ये समझना आसान है कि छोटी और गैर डिजिटल कंपनियों के लिए निवेशकों के दरवाज़े बंद हैं छोटे स्टार्टप्स के लिए महामारी के बाद आगे बढ़ने में और मुश्किलें आने वाली है और डिजिटल माध्यम बढ़ने वाला है।
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