भारत के अलग-अलग राज्यों में दिखी त्यौहारों की रौनक
नए साल के आते ही भारत के अलग-अलग राज्यों में त्यौहारों की रौनक देखने को मिल रही हैं। पंजाब में लोहड़ी पर ढ़ोल की थाप पर जहां लोग झूमते दिखे। तो वही सर्दियों की विदाई और सूरज के आगमन के लिए तमिलनाडु में धूम-धाम से पोंगल की तैयारियों में लोग नजर आए।
साल 2020 का आगाज होते ही देश के अलग अलग हिस्सों में त्यौहारों की धूम देखने को मिल रही हैं। पंजाब में जहां युवा ढोल की थाप पर लोहड़ी पर झुमते दिखे, तो वहीं उत्तर भारत और देश के बाकी हिस्सों में संक्रांति की धूम हैं। फसलों का त्यौहार मकर संक्रांति सूर्य देव की पूजा उपासना का भी त्यौहार हैं।
तमिलनाडु में भी लोगों के साथ स्टूडेंट्स पर पोंगल का खुमार छाया हुआ हैं। जगह -जगह कॉलेज में पोंगल सेलिब्रेट किया जा रहा हैं। इतना ही नहीं कई तरह के कार्यक्रम भी इस मौके पर आयोजित किये जा रहे हैं। स्टूडेंट्स का कहना है कि हमें इतंजरा रहता हैं और धूम धाम के साथ इस त्यौहार को मनाते हैं। वहीं झारखंड में टुसु महोत्सव के दौरान यहां की संस्कृति की झलक देखने को मिली। पूरे झारखंड़ में कुर्मी और आदिवासी समुदाय के लोग बड़ी ही धूम-धाम से इस त्यौहार को मनाते हैं। किसान अपने कृषि संबंधी कार्य को पूर्ण करने के बाद टुसु की स्थापना करते हैं और मकर संक्रति में टुसू चौडल की पूजा पाठ की जाती हैं और टुसु गीत गाया जाता हैं। वीडियो देखियो असम में बिहू का त्योहार बढ़ी धूम-धाम से मनाया जाता हैं। असम में इन दिनों चारों तरफ बिहू की रौनक बिखरी हुई हैं। बिहू असमिया में भोगाली बिहू के नाम से भी जाना जाता हैं। इस दिन लोग खासतौर से अपने हाथों से असमिया खाना बनाते हैं जैसे नारियल का लड्डु, टिल पीठा, सूजी के लड्डु, दही चीरा आदि। इस दिन किसान अपनी फसलों की कटाई करते हैं। और ईश्वर को फसलों के लिए धन्यवाद देते हैं।ये त्यौहार साल में तीन बार मनाया जा हैं। ठीक उसी तरह जैसे किसान साल में तीन बार अपनी फसलों की कटाई करते हैं। पहला होता हैं बिहू, दूसरा बोहाग बिहू और तीसरा कोंगाली बिहू।
तमिलनाडु में भी लोगों के साथ स्टूडेंट्स पर पोंगल का खुमार छाया हुआ हैं। जगह -जगह कॉलेज में पोंगल सेलिब्रेट किया जा रहा हैं। इतना ही नहीं कई तरह के कार्यक्रम भी इस मौके पर आयोजित किये जा रहे हैं। स्टूडेंट्स का कहना है कि हमें इतंजरा रहता हैं और धूम धाम के साथ इस त्यौहार को मनाते हैं। वहीं झारखंड में टुसु महोत्सव के दौरान यहां की संस्कृति की झलक देखने को मिली। पूरे झारखंड़ में कुर्मी और आदिवासी समुदाय के लोग बड़ी ही धूम-धाम से इस त्यौहार को मनाते हैं। किसान अपने कृषि संबंधी कार्य को पूर्ण करने के बाद टुसु की स्थापना करते हैं और मकर संक्रति में टुसू चौडल की पूजा पाठ की जाती हैं और टुसु गीत गाया जाता हैं। वीडियो देखियो असम में बिहू का त्योहार बढ़ी धूम-धाम से मनाया जाता हैं। असम में इन दिनों चारों तरफ बिहू की रौनक बिखरी हुई हैं। बिहू असमिया में भोगाली बिहू के नाम से भी जाना जाता हैं। इस दिन लोग खासतौर से अपने हाथों से असमिया खाना बनाते हैं जैसे नारियल का लड्डु, टिल पीठा, सूजी के लड्डु, दही चीरा आदि। इस दिन किसान अपनी फसलों की कटाई करते हैं। और ईश्वर को फसलों के लिए धन्यवाद देते हैं।ये त्यौहार साल में तीन बार मनाया जा हैं। ठीक उसी तरह जैसे किसान साल में तीन बार अपनी फसलों की कटाई करते हैं। पहला होता हैं बिहू, दूसरा बोहाग बिहू और तीसरा कोंगाली बिहू।
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