फिनलैंड में 34 साल की सना मरीन बनीं दुनिया की सबसे युवा प्रधानमंत्री
34 साल की सना मरीन फिनलैंड की अगली प्रधानमंत्री बनने जा रही है। इसके साथ ही सना मरीन दुनिया की सबसे युवा प्रधानमंत्री भी बन जाएगी। सना मरीन मंगलवार को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगी।
फिनलैंड में 34 साल की सना मरीन नई प्रधानमंत्री बनने जा रही है। सना मरीन फिनलैंड के इतिहास के साथ साथ दुनिया की सबसे युवा प्रधानमंत्री भी बन जाएगी। फिनलैंड में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता सना मरीन ने पूर्व प्रधानमंत्री एंटी रिने की जगह ली है। मरीन मंगलवार को शपथ लेंगी।
मरीन के नेतृत्व में सरकार गठन के लिए 4 अन्य दलों का एक सेंटर-लेफ्ट गठबंधन बनाया गया है। इसकी कमान भी महिलाओं के हाथ में हैं। यानी, फिनलैंड में सरकार का नेतृत्व महिलाएं ही करेंगी। उनसे पहले यूक्रेन के 35 वर्षीय पीएम ओलेक्सी होन्चारुक सबसे युवा थे। वीडियो देखें: दूसरे नंबर पर नोर्थ कोरिया के राष्ट्रपति किम जोंग उन, जो कि 36 साल के है। तीसरे नंबर पर एल सेल्वाडोर के राष्ट्रपति Nayib Bukele, जो कि 38 साल के है और चौथे नंबर पर न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डन हैं, जो 39 साल की हैं। प्रधानमंत्री पद के लिए चुने जाने के बाद सना ने कहा कि विश्वास दोबारा कायम करने के लिए हमें बहुत काम करना होगा। मैंने अपनी उम्र या लिंग के बारे में कभी नहीं सोचा, मैं मेरे राजनीति में आने के कारणों और उन चीजों के बारे में सोचती हूं जिनके लिए हमने मतदाताओं का विश्वास जीता है। प्रधानमंत्री पद के चुने जाने से पहले वो 2013 से 2017 तक सिटी काउंसिल की चेयरपर्सन रहीं। सनी मरीन 2015 में पहली बार संसद की सदस्य बनी। जून 2019 में वह सरकार में शामिल हुईं और उन्हें परिवहन और संचार मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया।
मरीन के नेतृत्व में सरकार गठन के लिए 4 अन्य दलों का एक सेंटर-लेफ्ट गठबंधन बनाया गया है। इसकी कमान भी महिलाओं के हाथ में हैं। यानी, फिनलैंड में सरकार का नेतृत्व महिलाएं ही करेंगी। उनसे पहले यूक्रेन के 35 वर्षीय पीएम ओलेक्सी होन्चारुक सबसे युवा थे। वीडियो देखें: दूसरे नंबर पर नोर्थ कोरिया के राष्ट्रपति किम जोंग उन, जो कि 36 साल के है। तीसरे नंबर पर एल सेल्वाडोर के राष्ट्रपति Nayib Bukele, जो कि 38 साल के है और चौथे नंबर पर न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डन हैं, जो 39 साल की हैं। प्रधानमंत्री पद के लिए चुने जाने के बाद सना ने कहा कि विश्वास दोबारा कायम करने के लिए हमें बहुत काम करना होगा। मैंने अपनी उम्र या लिंग के बारे में कभी नहीं सोचा, मैं मेरे राजनीति में आने के कारणों और उन चीजों के बारे में सोचती हूं जिनके लिए हमने मतदाताओं का विश्वास जीता है। प्रधानमंत्री पद के चुने जाने से पहले वो 2013 से 2017 तक सिटी काउंसिल की चेयरपर्सन रहीं। सनी मरीन 2015 में पहली बार संसद की सदस्य बनी। जून 2019 में वह सरकार में शामिल हुईं और उन्हें परिवहन और संचार मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया।
Latest Videos