कोरोना संकट के लिए 1.7 लाख करोड़ का पैकेज, क्या हैं मदद के मायने?
कोरोनावायरस महामारी से लड़ने के लिए केन्द्र सरकार ने राहत पैकेज की घोषणा कर दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक लाख 70 हज़ार करोड़ रूपये राहत राशी की घोषणा की है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि लॉकडाउन के बीच किसी को भूखा नहीं सोने दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने पीएम अन्न योजना के तहत ग़रीबों को अगले तीन महीने तक पांच किलो चावल या गेहूं और एक किलो दाल दिए जाने का ऐलान किया है जो पीडीएस के तहत मिलने वाले लाभ के इतर होगा।
केन्द्र सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधी के तहत सालाना 6000 रूपये दिए जाते हैं, जिनमें अप्रैल के पहले हफ्ते में 2000 रूपये की किश्त खाते में ट्रांसफर की जाएगी। मनरेगा के तहत मज़दूरों को प्रति दिन 182 रूपये मज़दूरी के बदले 202 रूपये दिए जाएंगे। बुज़ुर्गों, विकलांगों और विधवाओं को एक हज़ार रूपये की अनुग्रह राशी दो किश्तों में दिए जाएंगे। इस स्कीम के तहत तीन करोड़ लोग लाभार्थी हैं।
हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केन्द्र सरकार से राहत पैकेज की मांग की थी। सरकार द्वारा घोषित राहत पैकेज को यदि सभी भरतीयों में बांट दिया जाए तो यह प्रति व्यक्ति 1300 रूपये से भी कम बैठता है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि भारत में 82 फीसदी पुरूष और 92 फीसदी महिलाएं महीने में 10,000 रूपये से कम कमाते हैं। देखिए केन्द्र सरकार के इस मदद के क्या मायने हैं। गोन्यूज़ के एडिटर इन चीफ पंकज पचौरी बता रहे हैं।
हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केन्द्र सरकार से राहत पैकेज की मांग की थी। सरकार द्वारा घोषित राहत पैकेज को यदि सभी भरतीयों में बांट दिया जाए तो यह प्रति व्यक्ति 1300 रूपये से भी कम बैठता है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि भारत में 82 फीसदी पुरूष और 92 फीसदी महिलाएं महीने में 10,000 रूपये से कम कमाते हैं। देखिए केन्द्र सरकार के इस मदद के क्या मायने हैं। गोन्यूज़ के एडिटर इन चीफ पंकज पचौरी बता रहे हैं।
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