उत्तराखंड में एक और सीमा विवाद, नेपाल पर भारत की ज़मीन कब्ज़ाने का आरोप
उत्तराखंड में भारत-नेपाल के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक और विवाद गहरा रहा है. अब चंपावत ज़िले के टनकपुर में भारत और नेपाल के सुरक्षाबलों के बीच कब्ज़े को लेकर तनातनी हुई है. तनाव उस वक़्त बढ़ा जब बुधवार को टनकपुर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पिलर संख्या 811 के पास नेपाली नागरिकों ने पौधरोपड़ कर दिया और तारों की बाड़ लगा दी. अगले दिन चंपावत पुलिस और सशस्त्र सीमा बल के जवान मौक़े पर पहुंचे तो नेपाल ने अतिक्रमण को फौरन हटाने से मना कर दिया.
चंपावत के टनकपुर में पिलर संख्या 811 को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद पुराना था लेकिन बुधवार को सैकड़ों नेपाली नागरिकों की ओर की गई इस कार्रवाई से चंपावत प्रशासन सन्न रह गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जब नेपाली नागरिक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कब्ज़ा कर रहे थे तो उन्हें कवर देने के लिए हथियारबंद नेपाली सशस्त्र बल के प्रहरी मौक़े पर मौजूद थे.
एक अनुमान के मुताबिक नेपाली नागरिकों ने तक़रीबन दो सौ मीटर क्षेत्रफल पर कब्ज़ा जमा लिया है. गुरुवार की शाम जब भारत और नेपाल के अधिकारी मौक़े पर पहुंचे, तब भी वहां नेपाली नागरिक इकट्ठा थे और नारेबाज़ी कर रहे थे. चंपावत के एसपी लोकेंद्र सिंह ने भी इसकी पुष्टि की. उन्होंने कहा कि पिलर संख्या 811 के नज़दीक नेपाल के नागरिकों ने पौधरोपड़ कर दिया है. इस सिलसिले में नेपाली अधिकारियों के साथ बातचीत हुई है और उन्होंने पौधों को हटाने पर सहमति जताई है.
एक अनुमान के मुताबिक नेपाली नागरिकों ने तक़रीबन दो सौ मीटर क्षेत्रफल पर कब्ज़ा जमा लिया है. गुरुवार की शाम जब भारत और नेपाल के अधिकारी मौक़े पर पहुंचे, तब भी वहां नेपाली नागरिक इकट्ठा थे और नारेबाज़ी कर रहे थे. चंपावत के एसपी लोकेंद्र सिंह ने भी इसकी पुष्टि की. उन्होंने कहा कि पिलर संख्या 811 के नज़दीक नेपाल के नागरिकों ने पौधरोपड़ कर दिया है. इस सिलसिले में नेपाली अधिकारियों के साथ बातचीत हुई है और उन्होंने पौधों को हटाने पर सहमति जताई है.
हालांकि चंपावत के डीएम एसएन पांडेय का मुताबिक नेपाल ने कब्ज़ा हटाने का भरोसा दिया है लेकिन फिलहाल हालात जस के तस बने हुए हैं. भारत-नेपाल के बीच सीमा विवाद उत्तराखंड से ही शुरू हुआ है. यहां भारतीय हिस्से वाले कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को नेपाल अपना बताता है. अब अगर नेपाल टनकपुर में किए गए अतिक्रमण से पीछे नहीं हटता है तो तनाव बढ़ना तय है.Tree plantation was done by people of Nepal near pillar 811 in the no man's area. Yesterday a meeting was held with officials from Nepal, they have assured that the plants will be removed: Lokeshwar Singh, Champawat Superintendent of Police #Uttarakhand (24.07.20) pic.twitter.com/OyakFRJFgi
— ANI (@ANI) July 24, 2020
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