अगले साल तक 225 रुपए में मिल सकती है कोरोना की वैक्सीन
कोरोनावायरस महामारी को हराने के लिए दुनियाभर के वैज्ञानिक इसकी वैक्सीन खोजने में लगे हैं। एक वैक्सीन का ह्युमन ट्रायल भारत के सीरम इंस्टीट्यूट में भी हो रहा है। यह वैक्सीन ऑक्सफोर्ड युनिवर्सिटी ने दो दवाई कंपनी एस्ट्रा ज़ेनेका और नोवावैक्स के साथ मिलकर बनाया है। अभी वैक्सीन का देश में लगभग एक दर्जन जगहों पर ट्रायल चल रहा है।
हाल में ही वैक्सीन बनाने के लिए बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने 150 मिलियन डॉलर या 15 करोड़ डॉलर की मदद की घोषणा की है। यह तय किया गया है कि एसआईआई या सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया वैक्सीन के 10 करोड़ डोज़ बनाएगी और भारत समेत अन्य आर्थिक रूप से कमज़ोर देशों को सप्लाई करेगी। नए एग्रीमेंट के हिसाब से एक डोज़ वैक्सीन की कीमत तीन डॉलर या 225 रूपये तय की गई है।
गेट्स फाउंडेशन यह रक़म गवी या ग्लोबल अलायंस फॉर वैक्सीन एंड इम्युनाइजेशन के खाते में देगा जिससे वैक्सीन तैयार करने में सीरम इंस्टीट्यूट को मदद मिलेगी। गवी एक पब्लिक-प्राइवेट ग्लोबल हेल्थ पार्टनर्शिप है। यह अलायंस 92 आर्थिक रूप से कमज़ोर देशों के साथ की गई है और गेट्स फाउंडेशन वैक्सीन तैयार करने का खर्च उठा रहा है। इनके अलावा कोवैक्स स्कीम के ज़रिये दुनियाभर के देशों तक कोरोना वैक्सीन को पहुंचाया जायेगा। इनमें विश्व स्वास्थ्य संगठन और को-अलिशन फॉर एपिडेमिक प्रिपेयर्डनेस इन्नोवेशंस यानि सेपी भी साथ मिलकर काम कर रहा है। लक्ष्य है कि कैवैक्स स्कीम के ज़रिये 2021 तक दुनियाभर में दो अरब कोविड-19 वैक्सीन लोगों तक मुहैया कराई जाये। बता दें कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण काफी तेज़ रफ्तार से बढ़ रहा है। अगर पिछले 7 दिनों में आये नए मामलों को आगे रखें, तो मालूम पड़ता है कि इस मामले में भारत दूसरे नंबर पर पहुंच गया है। देश में संक्रमित मरीज़ों की संख्या 20 लाख को पार कर चुकी है और 41 हज़ार से ज़्यादा मरीज़ों की मौत हो चुकी है।
गेट्स फाउंडेशन यह रक़म गवी या ग्लोबल अलायंस फॉर वैक्सीन एंड इम्युनाइजेशन के खाते में देगा जिससे वैक्सीन तैयार करने में सीरम इंस्टीट्यूट को मदद मिलेगी। गवी एक पब्लिक-प्राइवेट ग्लोबल हेल्थ पार्टनर्शिप है। यह अलायंस 92 आर्थिक रूप से कमज़ोर देशों के साथ की गई है और गेट्स फाउंडेशन वैक्सीन तैयार करने का खर्च उठा रहा है। इनके अलावा कोवैक्स स्कीम के ज़रिये दुनियाभर के देशों तक कोरोना वैक्सीन को पहुंचाया जायेगा। इनमें विश्व स्वास्थ्य संगठन और को-अलिशन फॉर एपिडेमिक प्रिपेयर्डनेस इन्नोवेशंस यानि सेपी भी साथ मिलकर काम कर रहा है। लक्ष्य है कि कैवैक्स स्कीम के ज़रिये 2021 तक दुनियाभर में दो अरब कोविड-19 वैक्सीन लोगों तक मुहैया कराई जाये। बता दें कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण काफी तेज़ रफ्तार से बढ़ रहा है। अगर पिछले 7 दिनों में आये नए मामलों को आगे रखें, तो मालूम पड़ता है कि इस मामले में भारत दूसरे नंबर पर पहुंच गया है। देश में संक्रमित मरीज़ों की संख्या 20 लाख को पार कर चुकी है और 41 हज़ार से ज़्यादा मरीज़ों की मौत हो चुकी है।
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