दिल्ली हिंसा मामले में डीयू प्रोफ़ेसर अपूर्वानंद से तीन घंटे तक पूछताछ, फोन ज़ब्त
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने डीयू प्रोफ़ेसर अपूर्वानंद से दिल्ली दंगों के सिलसिले में तीन घंटे तक पूछताछ की और उनका फोन ज़ब्त कर लिया है. प्रोफ़ेसर अपूर्वानंद दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी पढ़ाते हैं. उन्होंने कहा कि यह परेशान करने वाला है कि नागरिकता संशोधन क़ानून विरोधी प्रदर्शनकारियों और उनके समर्थकों को हिंसा का स्रोत बताया जा रहा है.
उन्होंने इस पूछताछ के बाद जारी बयान में कहा, ‘फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उन्हें 3 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया था. मैंने वहां लगभग पांच घंटे बिताए और तीन घंटे तक पूछताछ चली. जांच के लिए दिल्ली पुलिस ने मेरा फोन ज़ब्त करना भी ज़रूरी समझा.’
दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाक़े में हिंसा फरवरी महीने में उस वक़्त भड़की थी जब नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे थे. इस हिंसा में 53 लोग मारे गए थे और 250 से ज़्यादा लोग ज़ख़्मी हुए थे. इसके अलावा बड़े पैमाने पर लूटपाट भी की गई थी. दिल्ली पुलिस इस मामले में यूएपीए के तहत मुक़दमा दर्ज कर तफ़्तीश कर रही है. पुलिस ने इस हिंसा के आरोप में नागरिकता क़ानून विरोधी कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ़्तार किया है. प्रोफ़ेसर अपूर्वानंद ने कहा कि पुलिस को उन प्रदर्शनकारियों और उनके समर्थकों प्रताड़ित नहीं करना चाहिए जो संवैधानिक तरीक़े से नागरिकता संशोधन विधेयक, नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर की प्रक्रिया का विरोध कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हिंसा हुई थी और हर किसी को यह पता चलना चाहिए कि हिंसा करने वाले कौन थे. देश का भला इसी में है कि ऐसे लोगों को पकड़ा जाए और सच्चाई का पता चल सके. अपूर्वानंद ने उम्मीद जताई है कि दिल्ली पुलिस हिंसा को भड़काने वालों का पता लगाएगी जिन्होंने शांति से प्रदर्शन कर रहे लोगों और उत्तर पूर्वी दिल्ली के लोगों को निशाना बनाया.
दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाक़े में हिंसा फरवरी महीने में उस वक़्त भड़की थी जब नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे थे. इस हिंसा में 53 लोग मारे गए थे और 250 से ज़्यादा लोग ज़ख़्मी हुए थे. इसके अलावा बड़े पैमाने पर लूटपाट भी की गई थी. दिल्ली पुलिस इस मामले में यूएपीए के तहत मुक़दमा दर्ज कर तफ़्तीश कर रही है. पुलिस ने इस हिंसा के आरोप में नागरिकता क़ानून विरोधी कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ़्तार किया है. प्रोफ़ेसर अपूर्वानंद ने कहा कि पुलिस को उन प्रदर्शनकारियों और उनके समर्थकों प्रताड़ित नहीं करना चाहिए जो संवैधानिक तरीक़े से नागरिकता संशोधन विधेयक, नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर की प्रक्रिया का विरोध कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हिंसा हुई थी और हर किसी को यह पता चलना चाहिए कि हिंसा करने वाले कौन थे. देश का भला इसी में है कि ऐसे लोगों को पकड़ा जाए और सच्चाई का पता चल सके. अपूर्वानंद ने उम्मीद जताई है कि दिल्ली पुलिस हिंसा को भड़काने वालों का पता लगाएगी जिन्होंने शांति से प्रदर्शन कर रहे लोगों और उत्तर पूर्वी दिल्ली के लोगों को निशाना बनाया.
Latest Videos