लड़ाकू विमान पहले भी आए लेकिन रफ़ाल जैसा शोरशराबा नहीं हुआ
फ्रांस में बने पांच लड़ाकू विमान रफ़ाल की अंबाला एयरबेस पर लैंडिंग हो गई है. अत्याधुनिक उपकरणों और हथियारों से लैस रफाल के आने से भारत की सैन्य शक्ति बढ़ गई है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि अगर हमारी क्षमता से किसी देश को परेशान होने की ज़रूरत है तो उन्हें ज़रूर होना चाहिए जो भारत की संप्रभुता पर आंख उठाने की कोशिश करेगा.
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के मुताबिक 2019 में भारत के पास कुल 2141 एयरक्राफ्ट थे जिनमें 538 फाइटर जेट, 172 डेडिकेटेड अटैक क्राफ्ट, 250 यातायात में काम आने वाले जहाज़, 359 ट्रेनर एयरक्राफ्ट, 77 स्पेशल ऑपरेशन में इस्तेमाल होने वाले जहाज़, 722 हेलीकाप्टर और 23 अटैक हेलीकाप्टर हैं. आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका, रूस और चीन के बाद सबसे बड़ी एयरफोर्स भारत के पास ही है. भारत पर रफ़ाल से पहले भी कई तरह के जहाज़ के स्क्वाड्रन हैं. एक स्क्वाड्रन में 24 जहाज़ होते हैं. देश की वायुसेना में मिग 21,मिग 29, मिराज 2000, सुखोई और जैगुआर सरीखे प्लेन शामिल हैं जो अपने समय के सबसे उन्नत और ताक़तवर लड़ाकू विमान माने जाते थे. हालांकि इन लड़ाकू विमानों की ख़रीद होने या भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल होने पर ऐसा शोरशराबा नहीं हुआ था.
हालांकि विशेषज्ञ यह कह रहे हैं कि राजनितिक कारणों से ऐसा माहौल बनाया जा रहा है जैसे भारत के जंगी बेड़े में पहली बार लड़ाकू जहाज़ शामिल किया जा रहा है. हालांकि आंकड़े ऐसा नहीं कहते.If anyone should be worried about our new capability it should be those who want to threaten our territorial integrity: Rajnath Singh
— Press Trust of India (@PTI_News) July 29, 2020
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के मुताबिक 2019 में भारत के पास कुल 2141 एयरक्राफ्ट थे जिनमें 538 फाइटर जेट, 172 डेडिकेटेड अटैक क्राफ्ट, 250 यातायात में काम आने वाले जहाज़, 359 ट्रेनर एयरक्राफ्ट, 77 स्पेशल ऑपरेशन में इस्तेमाल होने वाले जहाज़, 722 हेलीकाप्टर और 23 अटैक हेलीकाप्टर हैं. आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका, रूस और चीन के बाद सबसे बड़ी एयरफोर्स भारत के पास ही है. भारत पर रफ़ाल से पहले भी कई तरह के जहाज़ के स्क्वाड्रन हैं. एक स्क्वाड्रन में 24 जहाज़ होते हैं. देश की वायुसेना में मिग 21,मिग 29, मिराज 2000, सुखोई और जैगुआर सरीखे प्लेन शामिल हैं जो अपने समय के सबसे उन्नत और ताक़तवर लड़ाकू विमान माने जाते थे. हालांकि इन लड़ाकू विमानों की ख़रीद होने या भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल होने पर ऐसा शोरशराबा नहीं हुआ था.
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