पुलवामा हमले की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने से सरकार का इन्कार
केन्द्र सरकार ने पुलवामा हमले की जांच रिपोर्ट साझा करने से इन्कार कर दिया है। सरकार ने हमले में मारे गए 40 सीआरपीएफ जवानों के नाम भी सार्वजनिक करने से इनकार किया है। हमले में मारे गए जवानों को शहीद का दर्जा मिला है या नहीं, इसकी जानकारी भी केन्द्र सरकार ने नहीं दी है।
द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक़ आरटीआई एक्टिविस्ट पी.पी कपूर ने सीआरपीएफ के महानिदेशालय में आरटीआई दाखिल कर ये जानकारी मांगी थी। इस मामले में 9 और 10 जनवरी को आरटीआई दायर की गई थी। जिसमें ये भी पूछा गया था कि हमले में मारे गए जवान किस रैंक के थे लेकिन ये जानकारी भी नहीं दी गई है। शहीद जवानों के परिवारों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता और अन्य सुविधाओं के बारे में भी कुछ बताने से सरकार ने इनकार किया है। सरकार ने ये भी नहीं बताया कि हमले में मारे गए जवानों के सम्मान में किस शब्द का इस्तेमाल किया गया है।
पुलवामा हमले के जांच की रिपोर्ट साझा न करने के पीछे आरटीआई एक्ट-2005 के अध्याय-6 के पैरा-24(1) के प्रावधानों का हवाला दिया गया है। सीआरपीएफ के डायरेक्टर जनरल और जनसूचना अधिकारी के मुताबिक़ सीआरपीएफ को मानवाधिकार के उल्लंघन और भ्रष्टाचार के मामलों को छोड़कर अन्य किसी भी प्रकार की जानकारी देने से मुक्त रखा गया है। हमले में जांच की रिपोर्ट सरकार द्वारा साझा न करने के ख़िलाफ आरटीआई कार्यकर्ता पी.पी कपूर ने प्रथम अपीलीय प्राधिकरण में अपील की है। आरटीआई कार्यकर्ता पी.पी कपूर ने पुलवामा हमले में उच्च-स्तरीय भ्रष्टाचार की आशंका ज़ाहिर की है। उन्होंने मांग की है कि मामले की जानकारी सार्वजनकि और मुफ़्त में उप्लब्ध करवायी जानी चाहिये। पिछले साल 14 फरवरी को पुलवामा हमले में मारे गए 40 सीआरपीएफ जवानों की आज पहली बर्सी है। इस मौके पर विपक्षी दलों ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया है, “पुलवामा हमले की रिपोर्ट को सार्वजनिक क्यों नहीं किया जा रहा है?, हमले का जवाबदेह कौन है?, 350 किलोग्राम विस्फोटर कैसे आया?, हमले की खुफिया रिपोर्टों की अनदेखी क्यों की गई?, क्या हमले के पीछे दविंदर सिंह की कोई भूमिका थी?”
पुलवामा हमले के जांच की रिपोर्ट साझा न करने के पीछे आरटीआई एक्ट-2005 के अध्याय-6 के पैरा-24(1) के प्रावधानों का हवाला दिया गया है। सीआरपीएफ के डायरेक्टर जनरल और जनसूचना अधिकारी के मुताबिक़ सीआरपीएफ को मानवाधिकार के उल्लंघन और भ्रष्टाचार के मामलों को छोड़कर अन्य किसी भी प्रकार की जानकारी देने से मुक्त रखा गया है। हमले में जांच की रिपोर्ट सरकार द्वारा साझा न करने के ख़िलाफ आरटीआई कार्यकर्ता पी.पी कपूर ने प्रथम अपीलीय प्राधिकरण में अपील की है। आरटीआई कार्यकर्ता पी.पी कपूर ने पुलवामा हमले में उच्च-स्तरीय भ्रष्टाचार की आशंका ज़ाहिर की है। उन्होंने मांग की है कि मामले की जानकारी सार्वजनकि और मुफ़्त में उप्लब्ध करवायी जानी चाहिये। पिछले साल 14 फरवरी को पुलवामा हमले में मारे गए 40 सीआरपीएफ जवानों की आज पहली बर्सी है। इस मौके पर विपक्षी दलों ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया है, “पुलवामा हमले की रिपोर्ट को सार्वजनिक क्यों नहीं किया जा रहा है?, हमले का जवाबदेह कौन है?, 350 किलोग्राम विस्फोटर कैसे आया?, हमले की खुफिया रिपोर्टों की अनदेखी क्यों की गई?, क्या हमले के पीछे दविंदर सिंह की कोई भूमिका थी?”
Entire Nation pays homage to martyrs of #Pulwama !
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) February 14, 2020
Questions remain-:
1. Why is the report of Pulwama attack not being made public?
2. Who is accountable?
3. Who brought the 350 Kgs IED?
4. Why were intelligence reports of attack ignored?
5. Did Devinder Singh have any role? pic.twitter.com/0bG0eWu0Id
Latest Videos