सरकार BPCL समेत 5 सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी बेचेगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि कैबिनेट ने भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड समेत 5 सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने की मंजूरी दे दी है।
इन पांच कंपनियों में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अलावा कंटेनर कॉर्पोरेशन टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन इंडिया लिमिटेड, नार्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड और शिपिंग कॉर्पोरेशन हैं। इन पांच सरकारी कंपनियों में से भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड बेहद अहम है।
वीडियो देखें: सरकार ने इस कंपनी में अपनी बाकी बची 53.29 फीसदी हिस्सेदारी को पूरी तरह बेचने का फैसला किया है। इसके साथ ही कंपनी का प्रबंधन और मालिकाना हक भी सरकार के नियंत्रण से बाहर होकर इसे खरीदने वाली निजी कंपनी के हाथों में चला जाएगा। हालांकि असम के नुमालीगढ़ में स्थित कंपनी के रिफाइनरी को नहीं बेचा जाएगा। इसके साथ ही कैबिनेट ने वित्तीय संकट से जूझ रही टेलीकॉम कंपनियों को राहत देते हुए उनके लिए स्पेक्ट्रम किस्त का भुगतान दो साल के टालने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। इसके अलावा कैबिनेट ने दिल्ली की अवैध कॉलोनियों को नियमित करने की भी मंजूरी दे दी है। वहीं प्याज के बढ़ते दामों पर नियंत्रण लगाने और घरेलू बाजार में अधिक उपलब्धता को लेकर कैबिनेट ने 1.2 लाख टन प्याज के आयात को मंजूरी दे दी। BPCL समेत पांच कंपनियों की हिस्सेदारी बेचने पर सरकार के इस फैसले पर गुरुवार को संसद के दोनों सदनों में हंगामे होने के आसार हैं। विपक्षी पार्टियां सरकार के इस कदम पर सवाल उठा सकती हैं।
वीडियो देखें: सरकार ने इस कंपनी में अपनी बाकी बची 53.29 फीसदी हिस्सेदारी को पूरी तरह बेचने का फैसला किया है। इसके साथ ही कंपनी का प्रबंधन और मालिकाना हक भी सरकार के नियंत्रण से बाहर होकर इसे खरीदने वाली निजी कंपनी के हाथों में चला जाएगा। हालांकि असम के नुमालीगढ़ में स्थित कंपनी के रिफाइनरी को नहीं बेचा जाएगा। इसके साथ ही कैबिनेट ने वित्तीय संकट से जूझ रही टेलीकॉम कंपनियों को राहत देते हुए उनके लिए स्पेक्ट्रम किस्त का भुगतान दो साल के टालने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। इसके अलावा कैबिनेट ने दिल्ली की अवैध कॉलोनियों को नियमित करने की भी मंजूरी दे दी है। वहीं प्याज के बढ़ते दामों पर नियंत्रण लगाने और घरेलू बाजार में अधिक उपलब्धता को लेकर कैबिनेट ने 1.2 लाख टन प्याज के आयात को मंजूरी दे दी। BPCL समेत पांच कंपनियों की हिस्सेदारी बेचने पर सरकार के इस फैसले पर गुरुवार को संसद के दोनों सदनों में हंगामे होने के आसार हैं। विपक्षी पार्टियां सरकार के इस कदम पर सवाल उठा सकती हैं।
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