2009 के बाद सबसे निचले स्तर पर पहुंची विकास दर, 2019-20 में 4.2 फ़ीसदी रही
भारत की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई है इसकी तस्दीक करते हैं ताज़ा जारी केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय के आंकड़े. उनके मुताबिक़ साल 2019-20 की आखिरी तिमाही यानी जनवरी से लेकर मार्च तक जीडीपी मात्र 3.1 फ़ीसदी रही जबकि पूरे साल 2019-20 में भारत की विकास दर केवल 4.2 रही. साल 2018-19 में भारत की विकास दर 6 फ़ीसदी से ज्यादा थी.
भारत में इतने बुरे हालात केवल 2009 में देखने को मिले थे जब पूरी दुनिया को मंदी ने अपनी गिरफ्त में ले लिया था. सरकार ने इससे पहले साल 2019 बीच में विकास दर 5 फ़ीसदी रहने का अनुमान लगाया था. ज़ाहिर है आख़िरी क्वार्टर का 3.1 फ़ीसदी आना साफ तौर पर दिखाता है कि कैसे सरकार आर्थिक मोर्चे पर बुरी तरीके से जूझ रही है.
इस घटी विकास दर के लिए किसी भी प्रकार से महामारी या लॉकडाउन को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि इसके अंदर मार्च के केवल 5 दिन शामिल हैं जब लॉकडाउन हुआ था. कह सकते हैं कि आने वाली तिमाही में आंकड़े इससे भी कम आने की पूरी आशंका है क्योंकि 60 दिनों से ज़्यादा चल रहे लॉकडाउन में अर्थव्यवस्था की बची हुई जान भी निकाल दी है.
इस घटी विकास दर के लिए किसी भी प्रकार से महामारी या लॉकडाउन को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि इसके अंदर मार्च के केवल 5 दिन शामिल हैं जब लॉकडाउन हुआ था. कह सकते हैं कि आने वाली तिमाही में आंकड़े इससे भी कम आने की पूरी आशंका है क्योंकि 60 दिनों से ज़्यादा चल रहे लॉकडाउन में अर्थव्यवस्था की बची हुई जान भी निकाल दी है.
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