कोरोना पैकेज: क्या है "20 लाख करोड़" के मायने ?
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषित “20 लाख करोड़” के आर्थिक पैकेज का वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बंटवारा कर दिया है। वित्त मंत्री ने एमएसएमई यानि कुटीर लघु उद्योग को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए रीढ़ की हड्डी बताया है। इस उद्योग के लिए वित्त मंत्री ने बिना गारंटी के तीन लाख करोड़ रूपये तक के क़र्ज़ दिए जाने की घोषणा की है। इसमें एक साल के लिए ईएमआई चुकाने की छूट दी गई है।
इसके अलावा बिजली कंपनियों को हो रही नुकसान की भरपाई के लिए 90 हज़ार करोड़ रूपये दिए गए हैं। वहीं एमएसएमई में निवेश और कारोबार की सीमा बढ़ाई गई है। इनकम टैक्स रिटर्न भरने की तारीखें बढ़ाई दी गई है।
रियल एस्टेट कंपनियों को प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए छह महीने की छूट दी गई है। एनबीएफसी के लिए 30 हज़ार करोड़ रूपये दिए गए हैं। साथ ही ईपीएफ को लेकर घोषणाएं की गई हैं। ईपीएफ में योगदान को 12 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी किया गया है। वित्त मंत्री द्वारा की गई इन घोषणाओं में आपके लिए क्या है, विस्तार से बता रहे हैं गोन्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ पंकज पचौरी।
रियल एस्टेट कंपनियों को प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए छह महीने की छूट दी गई है। एनबीएफसी के लिए 30 हज़ार करोड़ रूपये दिए गए हैं। साथ ही ईपीएफ को लेकर घोषणाएं की गई हैं। ईपीएफ में योगदान को 12 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी किया गया है। वित्त मंत्री द्वारा की गई इन घोषणाओं में आपके लिए क्या है, विस्तार से बता रहे हैं गोन्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ पंकज पचौरी।
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