घुसपैठ के मामले में बांग्लादेशियों से आगे है भारतीय
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केंद्रीय सत्ता पर क़ाबिज़ बीजेपी बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दे को बार-बार उछालती है लेकिन बांग्लादेश की मज़बूत होती अर्थव्यवस्था और सीमा पर सख़्ती के बीच इसमें कमी आ गई है. 2015 में 3426 बांग्लादेशी घुसपैठिये पकड़े गए थे लेकिन 2018 में यह संख्या घटकर यह संख्या 1118 रह गई. इसके मुक़ाबले अमेरिका में अवैध तरीक़े से घुसने वाले भारतीयों की संख्या आठ गुना ज़्यादा है. यहां यह जानना भी ज़रूरी है कि भारतीय अर्थव्यस्था पिछले कुछ सालों में चौपट हुई है. 2014 में भारतीय अर्थव्यवस्था आठ फ़ीसदी की विकास दर से बढ़ रही थी जो 2018 में घटकर पांच फ़ीसदी पर रह गई है. आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका में सबसे ज़्यादा घुसपैठ उसके पड़ोसी देशों एल स्लवाडोर, मैक्सिको, होंडुरास और ग्वाटेमाला जैसे देशों से होती है जबकि भारतीय नागरिक तक़रीबन 15000 किलोमीटर का चक्कर लगाकर घुसपैठ की कोशिश करते हैं. पिछले साल अक्टूबर में तक़रीबन 300 भारतीयों को अमेरिका-मैक्सिको की सीमा से पकड़कर वापस दिल्ली डीपोर्ट किया गया था. इनमें ज़्यादातर लोग हरियाणा, पंजाब जैसे राज्यों से थे जो ट्रैवेल एजेंट्स को लाखों की रकम चुकाकर बेहतर ज़िंदगी की उम्मीद में अमेरिका जाने की कोशिश कर रहे थे. वीडियो देखिये दक्षिण एशियाई मूल के लोगों की निगरानी करने वाली संस्था 'सॉल्ट' की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2017 में बिना सही और पूरे कागज़ात के रहने वाले अमरीकी-भारतीयों की तादाद 6 लाख 30 हज़ार बताई गई थी. इनमें 2 लाख 50 हज़ार ऐसे भारतीय भी शामिल हैं जिनका वीज़ा 2016 में ख़त्म हो गया लेकिन डीपोर्ट किए जाने के डर से उन्होंने अमेरिका में अपना ठिकाना बदल लिया. यूएस डिपार्टमेंट ऑफ़ होमलैंड सिक्योरिटी के मुताबिक अमेरिका में भारतीय नागरिक चौथा सबसे बड़े अवैध प्रवासी समूह है.
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